मोदी हैं कोरोना के ‘सुपर स्प्रेडर’ : IMA उपाध्यक्ष

डा. दहिया ने कहा कि जब जनवरी 2020 में भारत में कोरोना वायरस का पहला रोगी पाया गया था, तो प्रधानमंत्री ने संक्रमण से निपटने के लिए व्यवस्था करने के बजाय गुजरात में एक लाख से अधिक लोगों की सभा का आयोजन किया और तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का स्वागत किया। अब जब covid -19 की दूसरी लहर अभी अपने चरम पर नहीं है, तो संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली विफल हो रही है क्योंकि पीएम ने पूरे वर्ष के दौरान इसे मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।"

देश में कोरोना से मची तबाही के लिए सीधे प्रधानमंत्री मोदी को ज़िम्मेदार ठहराने वालों की तादाद बढ़ रही है। देश में चिकित्सकों की सबसे बड़ी संस्था, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ.नवजोत दहिया ने पीएम मोदी को सुपर स्प्रेडर (कोरोना के सबसे बड़े प्रसारक) कहा है। डा.दहिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी राज्यों में राजनीतिक रैलियों और कुंभ को अनुमति देने के लिए ऐसा कहा।

द ट्रिब्यून के अनुसार दहिया ने सोमवार को एक बयान में कहा “जब चिकित्सा बिरादरी लोगों को कोविड -19 मानदंडों को अनिवार्य बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है, पीएम मोदी ने बड़ी राजनीतिक रैलियों को संबोधित करने में संकोच नहीं किया।”

डॉ.दहिया ने कहा कि देश के सभी हिस्सों में मरीज़ बिना ऑक्सीजन के मर रहे हैं जबकि ऑक्सीजन संयंत्र की स्थापना के बहुत स प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के पास स्वीकृति के लिए पड़े हैं। ऐसे ज़रूरी मुद्दे को सरकार ने कोई महत्व ही नहीं दिया।

डा.दहिया ने कहा कि महामारी साफ़ नज़र आ रही है। अस्पतालों के बाहर एंबुलेंस की लंबी कतारें और शमशान में शवों की बड़ी तादाद हर शहर में नज़र आ रही है, लेकिन इस तबाही के बीच राजनैतिक रैलियाँ और हरिद्वार में कुंभ जैसे धार्मिक आयोजन चलता रहा।

उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों के मुद्दे पर जारी आंदोलन को लेकर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समझदारी नहीं दिखायी। मुद्दा हल न करके किसानों का विशाल जमावड़ा जारी रखने की अनुमति दी गयी। और अब पीएम मोदी अपनी नाकामी का ठीकरा निजी चिकित्सा क्षेत्र और राज्य सरकारों पर फोड़ रहे हैं।

डा. दहिया ने कहा कि जब जनवरी 2020 में भारत में कोरोना वायरस का पहला रोगी पाया गया था, तो प्रधानमंत्री ने संक्रमण से निपटने के लिए व्यवस्था करने के बजाय गुजरात में एक लाख से अधिक लोगों की सभा का आयोजन किया और तत्कालीन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का स्वागत किया। अब जब covid -19 की दूसरी लहर अभी अपने चरम पर नहीं है, तो संपूर्ण स्वास्थ्य प्रणाली विफल हो रही है क्योंकि पीएम ने पूरे वर्ष के दौरान इसे मजबूत करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।”

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