देश की सीमा में 60 वर्ग किलोमीटर से भी अधिक अंदर आ गए चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच, 45 साल बाद – 20 भारतीय सैनिकों की चीन के साथ हिंसक भिड़ंत में शहादत के बाद आख़िरकार, केंद्र सरकार को विपक्षी दलों से सलाह-विमर्श की याद आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 जून को शाम 5 बजे, ऑल पार्टी मीटिंग करेंगे। पीएमओ के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस बात की औपचारिक घोषणा कर दी गई है।
पीएमओ के इस ट्वीट में कहा गया है, “भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने, 19 जून को शाम 5 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। विभिन्न राजनैतिक दलों के अध्यक्ष, इस बैठक में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए शिरक़त करेंगे।”
In order to discuss the situation in the India-China border areas, Prime Minister @narendramodi has called for an all-party meeting at 5 PM on 19th June. Presidents of various political parties would take part in this virtual meeting.
— PMO India (@PMOIndia) June 17, 2020
सर्वदलीय बैठक के लिए इतनी देर क्यों?
हालांकि पीएम या सरकार, ऑल पार्टी मीटिंग बुलाने के लिए ख़ुद की पीठ ठोंक सकते हैं। लेकिन चीन के साथ सीमा विवाद कई दिनों से बढ़ता जा रहा था। सरकार, इस घटना के होने से पहले ही सभी दलों को भरोसे में लेकर आगे बढ़ सकती थी। इसी बीच में लगातार विपक्ष ने सरकार से सवाल पूछे लेकिन वह चुप रही। हाल ही नेपाल द्वारा भारत के इलाकों को अपने नक़्शे में जोड़ने पर भी सरकार की ओर से चुप्पी ही बनी रही। यही नहीं, देश 3 महीने से कोरोना की महामारी से जूझ रहा है, रोज़गार से लेकर अर्थव्यवस्था समेत – हर तबके के हालात ख़राब हैं – लेकिन सरकार ने कोरोना जैसे संकट में भी ऑल पार्टी मीटिंग बुला कर, विपक्ष को साथ लेने या सलाह लेने की ज़रूरत नहीं समझी।
दरअसल चीन के साथ इस ख़ूनी जंग के बाद – सरकार के लिए जवाब देना अब मुश्किल हो चला है। केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की पूरी राजनीति ही कट्टर राष्ट्रवाद पर आधारित है। ऐसे में अब इस सीमा विवाद और हिंसा के बाद, सरकार के लिए सभी दलों की बैठक बुलाना – महज एक चेहरा बचाने की क़वायद जैसी स्थिति है। सरकार विपक्ष की सलाह पर कितना अमल करेगी और कितना वाकई सबको साथ लेकर चलेगी, इस को लेकर कुछ भी कहा नहीं जा सकता है। अभी तक बड़े फैसलों में सभी दलों को भरोसे में लेने के मामले में सरकार का रेकॉर्ड, अच्छा नहीं रहा है।
विपक्ष के तेवर, अभी भी हमलावर
पीएमओ के ट्वीट के पहले ही कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी अपना वीडियो बयान जारी कर चुके थे। ट्वीट के बाद, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी एक वीडियो बयान जारी कर के, सरकार पर हमला बोल दिया है। सोनिया ने पूछा है कि प्रधानमंत्री ने इतने गंभीर मामले पर चुप्पी क्यों साध ली है? वे कुछ बोलते क्यों नहीं? उम्मीद की जा रही थी, विपक्ष पीएम के ऑल पार्टी मीटिंग के आयोजन का स्वागत करेगा – लेकिन ये दूरियां भी लंबे समय में सरकार ने ही पैदा की है।
प्रधानमंत्री अभी चुप हैं, 21 को बोलेंगे
इसी के बीच एक और ख़बर आई – जो पीएमओ ने ट्वीट नहीं की थी। ख़बर आई कि प्रधानमंत्री 21 जून को राष्ट्र के नाम संदेश देंगे। 21 जून को योगा दिवस है और इस दिन उनका कार्यक्रम पहले से ही निर्धारित था। कई अटकलें ये भी हैं कि इसीलिए पीएम ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है कि वे पहले सर्वदलीय बैठक में अपनी बात रखें और उसके बाद, वे राष्ट्र को संबोधित करें। सवाल ये है कि प्रधानमंत्री, अभी चुप क्यों हैं – शायद वे अब सोच-समझ कर ही कुछ भी बोलना चाहते हैं। वे समझ रहे हैं कि इस मामले में उन्माद की भाषा से काम नहीं चलेगा।
ऐसे वक़्त में आपको कौन याद आ रहा है? जी, मनमोहन सिंह…जिन्होंने संसद में एक शेर पढ़ा था। हम वो शेर यहां नहीं प्रकाशित कर रहे हैं, आपको उसे ढूंढना चाहिए और अगर याद है तो उसे गुनना चाहिए।
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