देशभर में विरोध-प्रदर्शनों के बीच उच्चतम न्यायालय में आज नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ और समर्थन में दायर 140 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई होगी. इनमे एक केरल सरकार ने दायर की है. याचिकाकर्ताओं ने इस कानून को संविधान की मूल भावना के खिलाफ और विभाजनकारी बताते हुए रद्द करने का आग्रह किया है. इसके अलावा इनमें इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आइयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं भी शामिल हैं.
#CitizenshipAct: Supreme Court to hear over 140 petitions related to the law tomorrow https://t.co/UJq4E8oPFD
— Scroll.in (@scroll_in) January 21, 2020
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एक अब्दुल नजीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ सीएए से संबंधित 144 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
Supreme Court to hear today around 144 petitions related to the Citizenship Amendment Act (CAA), including petitions challenging the constitutional validity of CAA & transfer petitions filed by the Central Government. pic.twitter.com/sIR16N9NQY
— ANI (@ANI) January 22, 2020
बीते 9 जनवरी को चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में हो रहे हिंसक प्रदर्शन पर चिंता जताते हुए कहा था कि वह इस मामले में तभी सुनवाई करेंगे जब हिंसा रुकेगी.
आज की सुनवाई के मद्देनज़र समूचे पूर्वोत्तर के कालेजों में बंद का आह्वान किया गया है. गौरतलब है कि नागरिकता कानून बिल संसद में प्रस्तावित होने के बाद से असम सहित पूरे पूर्वोत्तर में इसके खिलाफ आन्दोलन शुरू हुआ था. इस आन्दोलन में असम और त्रिपुरा में करीब पांच लोगों की मौत हुई थी, वहीं बीजेपी उत्तर प्रदेश में 25 और कर्नाटक में पुलिस की गोली से दो लोग मारे जा चुके हैं.
SC hearing on CAA: Shutdown declared across northeast colleges tomorrow – https://t.co/IohSf2QvJ3
— Assam Lawyers (@AssamLawyers) January 21, 2020
इधर दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून पर सुनवाई से पहले मंगलवार रात को सुप्रीम कोर्ट के बाहर करीब 20 महिलाएं बच्चों के साथ धरने पर बैठ गईं. एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गेट पर अवैध तरीके से बैठ गईं, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें वहां से हटाया.
उच्चतम न्यायालय में आज शाहीन बाग मामले पर भी सुनवाई हो सकती है. सीएए कानून के खिलाफ सैकड़ों लोग एक महीने से भी ज्यादा समय से सड़क पर धरना दे रहे हैं. इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की गई है.
गौरतलब है कि सीएए, एनआरसी और अब एनपीआर को लेकर पूरे देश में आन्दोलन चल रहा है. केरल और पंजाब विधानसभा में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किये जा चुके हैं. वहीं बंगाल और अन्य राज्य भी इस कानून को लागू न करने की बात कही है.