ईरान की सबसे मशहूर अभिनेत्रियों में से एक तारानेह अलीदोस्ती को तेहरान में ईरानी सेक्युरिटी फोर्सेस द्वारा गिरफ्तार करने की ख़बर से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है। उनको ईरान में जारी महिलाओं के प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए, एक रैपर को फांसी दिए जाने का विरोध करने की इंस्टाग्राम पोस्ट करने के लिए गिरफ्तार कर लिया गया है। तारानेह ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल से अपनी बिना हिजाब पहने एक तस्वीर पोस्ट की थी।इसमें वो एक काग़ज़ पकड़े थी, जिस पर लिखा था – “महिलाएं, जीवन, आज़ादी” यह नारा हालिया ईरानी हुकूमत के ख़िलाफ़ लड़ाई से निकला नारा है। इसके बाद उनको शनिवार को गिरफ्तार किया गया है और किस ईरानी सेक्युरिटी फोर्स ने उनको गिरफ्तार किया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
कौन हैं तारानेह अलीदोस्ती?
तारानेह अलीदोस्ती को ईरान की वर्तमान दौर की सबसे प्रतिभाशाली और प्रभावशाली कलाकारों में से माना जाता है। उनको पूरी दुनिया में साल 2016 में आई ईरानी फिल्म द सेल्समैन से शोहरत मिली। द सेल्समैन फिल्म और उनके काम की दुनिया भर में तारीफ हुई और फिल्म को 2017 में सर्वश्रेष्ठ विदेशी फिल्म का ऑस्कर अवॉर्ड भी मिला।
लेकिन तारानेह ने ऑस्कर पुरस्कार मिलने पर भी विद्रोही तेवर दिखाते हुए, इन पुरस्कारों का 2017 में बॉयकॉट किया। ये विरोध ट्रंप सरकार द्वारा ईरानी नागरिकों को अमेरिकी वीज़ा न देने की नीति के ख़िलाफ़ था। ये वही ऑस्कर समारोह था, जिसमें उनकी फिल्म को सर्वश्रेष्ठ फॉरेम फिल्म का अवॉर्ड मिला।
अलीदोस्ती को उनके कम और चुनिंदा काम के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने ऑस्कर विजेता फिल्मकार असगर फ़रहदी के साथ लगातार काम किया और फज्र फिल्म फेस्टिवल में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की अभिनेत्री ही नहीं बनी बल्कि लगातार तीन बार ये पुरस्कार जीतकर नया रेकॉर्ड भी बनाया। उनको इस दौर की सबसे प्रभावशाली ईरानी अभिनेत्री माना जाता है।
अलीदोस्ती सिर्फ अभिनय ही नहीं करती, वो लेखन भी करती हैं। उन्होंने एलिस मनरो और निकोल क्रॉस की किताबों का अंग्रेज़ी से फ़ारसी में अनुवाद भी किया है। उनके पिता ईरान की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के लिए खेल चुके हैं।
क्या आरोप हैं, तारानेह पर?
तारानेह अलीदोस्ती पर ईरान विरोधी प्रदर्शनों और दंगा भड़काने वाले ग़लत तथ्यों को प्रकाशित-प्रसारित करने के आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया है। ये गिरफ्तारी उनकी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के आधार पर हुई है, जिसमें उन्होंने 23 साल के नौजवान रैपर मोहसेन शेकारी को फांसी दिए जाने का विरोध जताया है। उनकी इस पोस्ट में उन्होंने हिजाब नहीं पहना है, हाथ में एक काग़ज़ पकड़ा है, जिस पर ‘महिलाएं, जीवन, आज़ादी’ लिखा है और पोस्ट में मोहसेन शेकारी के लिए लिखा है, “उसका नाम मोहसेन शेकारी था। सारे अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस रक्तपात को देख रहे हैं और कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह मानवता के लिए शर्मनाक है।” उनकी इस पोस्ट पर 10 लाख से भी अधिक लाइक्स आए थे। इस एकाउंट को ईरानी प्रशासन द्वारा ब्लॉक करवा कर, उनको गिरफ्तार कर लिया गया है।
हालांकि यह नहीं साफ हुआ है कि उनकी गिरफ्तारी किस पुलिस बल द्वारा हुई है लेकिन ईरानी प्रॉसिक्यूटर ऑफिस का आरोप है कि वे अपनी भड़काऊ टिप्पणी को लेकर दस्तावेज उपलब्ध करवाने में नाकाम रही हैं। पहले उनके घर पर छापा मारा गया था, जहां वह नहीं मिली थी। इसके बाद उनकी गिरफ्तारी की ख़बर, फिल्मकार सामिया मीरशम्सी ने सार्वजनिक की।
मोहसेन शेकारी कौन थे?
मोहसेन शेकारी 23 साल के नौजवान थे, जिनके बारे में बताया जाता है कि वो एक रैपर भी थे। उनको ईरानी सरकार द्वारा 8 दिसंबर, 2022 को ईरान में जारी विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के बाद लगाए गए आरोपों के आधार पर फांसी दे दी गई थी। माना जाता है कि पुलिस और फोर्सेस द्वारा दमन के सिलसिले में मारे गए लोगों के अलावा, वे पहले व्यक्ति हैं जिनको इन प्रदर्शनों के आधार पर आधिकारी तौर पर फांसी की सज़ा दी गई।
मोहसेन पर मेहशा अमीनी की मृत्यु के बाद शुरू हुए प्रदर्शनों में तेहरान में सड़क जाम करने, सुरक्षा बलों पर घातक हमला करने का आरोप था। ईरान में लागू शरिया क़ानून के तहत इसे ‘मोहराबेह’ यानी कि ‘ईश्वर के ख़िलाफ़ युद्ध’ शुरू करने का मामला माना गया। इसके लिए उनको मृत्युदंड दिया गया और 8 दिसंबर को उनको फांसी दे दी गई। इसके बाद पूरे ईरान में इस पर और अधिक विरोध भड़क गए। दुनिया भर में इसका विरोध हुआ है। इसी का विरोध करने के लिए अब तारानेह को गिरफ्तार कर लिया गया है।
तारानेह ने क्या कहा था देश छोड़ने पर?
तारानेह अलीदोस्ती ने इसके पहले ख़तरे के मद्देनज़र आगाह किए जाने पर देश न छोड़ने का एलान किया था। उन्होंने लिखा था, “मेरे पास न तो ईरान के बाहर कहीं रहने के लिए घर है और न ही पासपोर्ट। मैं यहीं रहूंगी और आपकी आंखों में आंखें डाल कर, बाकी सारे आम नागरिकों की तरह अपने अधिकारों के लिए चीखती रहूंगी।”
तारानेह ने अपने इस वक्तव्य में लिखा था, “मैंने यह साहस, अपनी धरती की तमाम औरतों से हासिल किया है, जो सालों-साल से प्रतिरोध के साथ अपना जीवन जीती आ रही हैं…मैं यहीं रहूंगी, मैं कहीं नहीं जाऊंगी, मैं बंदियों और क़त्ल कर दिए गए लोगों के परिवारों के साथ खड़ी रहकर उनके अधिकारों की मांग करती रहूंगी। मैं अपने घर के लिए लड़ूंगी, मेरे अधिकारों के लिए खड़े होने की जो भी कीमत होगी, मैं चुकाऊंगी और सबसे अहम: हम आज जो भी खड़ा कर रहे हैं, मेरा उसमें पूरा यक़ीन है..”
क्या ईरान सरकार, दमन के चरम पर है?
माना जा रहा है कि दुनिया भर में ईरान की मॉरेलिटी पुलिस – गश्त ए इरशाद को भंग करने की ख़बरों के बीच, ईरानी सरकार को नागरिकों पर अपनी पकड़ कम होती महसूस हो रही थी। इसके बाद कई सारी ख़बरों को नकारते और कई ख़बरों पर चुप्पी साधने के बाद, सरकार ने नागरिक प्रदर्शनों को कुचलने के लिए दमन का नया दौर शुरू कर दिया है। इस में नागरिकों में ख़ौफ़ पैदा करने के लिए प्रदर्शनकारियों के अलावा कलाकारों, सेलेब्रिटीज़, पत्रकारों, फोटोग्राफरों और एक्टिविस्टों पर शिकंजा कसना शुरू किया है। मोहसेन शेकारी के अलावा 20 से अधिक लोगों पर ऐसे ही आरोप लगाकर, उनको भी मृत्युदंड देने की तैयारी की जा रही है। तारानेह अलीदोस्ती को भी कहां ले जाया गया है, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। तारानेह के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों को भी इस तरह ही गढ़ा गया है कि इसे ईरान में लागू ईशनिंदा से जुड़े ईश्वर के ख़िलाफ़ युद्ध के मामले में बदला जा सके और नागरिकों को डरा कर प्रदर्शनों पर लगाम लगाई जा सके।