दिल्ली के दंगों पर मीडिया में छपी रपटों के आधार पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करायी गयी है। मानवाधिकार निगरानी समिति के अध्यक्ष डॉ. लेनिन रघुवंशी ने लिखित तौर पर दो शिकायतें दर्ज करवायी हैं।
पहली शिकायत 26 फरवरी को दिन में 12 बजकर 31 मिनट पर आयोग को दर्ज करवायी गयी जिसमें दि इंडियन एक्सप्रेस में आज छपी दिल्ली दंगे से जुड़ी एक ख़बर का हवाला दिया गया है। दीपांकर घाेष और सौरव रॉय बर्मन की बाइलाइन से छपी इस रपट में बताया गया है कि कैसे दिल्ली पुलिस की नाम के ठीक नीचे घरों को जलाया गया, लोगों के आइडी कार्ड चेक किए गए और सीसीटीवी कैमरे तोड़े गए। रिपोर्ट में तब तक मारे जाने वालों की कुल संख्या 17 बतायी गयी है।
इस रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग से अनुरोध किया गया है कि आयोग तत्काल अपनी एक टीम भेज कर इस घटना की जांच करवाए, घायलों को चिकित्सा सेवा मुहैया करवाए और हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को मुआवजा दिलवाए।
दूसरी ख़बर दि वायर पर छपी है जिसे नाओमी बॉर्टन ने लिखा है। ख़बर के मुताबिक अशाेक नगर में एक मस्जिद को आग के हवाले कर दिया गया और उसकी मीनार पर हनुमान ध्वज फहराया गया। मानवाधिकार निगरानी समिति ने आयोग से शिकायत करते हुए मांग की है कि इस घटना की स्वतंत्र जांच के लिए आयोग एक दल भेजे और मीनार पर भगवा ध्वज फहराने वाले का पता लगाकर उसे दंडित करे। इसके अलावा इलाके में शांति कमेटी के सहयोग से अमन चैन बनाए रखने की मांग भी की गयी है।
गौरतलब है कि मस्जिद ढहाए जाने के वीडियो पर शुरू में काफी विवाद हुआ था और इसे पुराना वीडियो बताया गया था। बाद में आल्टन्यूज़ और वायर ने इस बात की पुष्टि की अशाेक नगर में वास्तव में एक मस्जिद को आग लगायी गयी है और वायरल हुआ वीडियो सही है।
डॉ. लेनिन ने ये शिकायतें 26 फरवरी को दिल्ली में रहते हुए आयोग को भेजी हैं। मीडियाविजिल से फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि आम तौर से उनके मानवाधिकार का कार्यक्षेत्र उत्तर प्रदेश है लेकिन दिल्ली के भयावह हालात देखते हुए उन्हें यह हस्तक्षेप करना पड़ा।