इलाज के लिए लोग ले रहे हैं कर्ज़, मुआवज़ा दे सरकार: प्रियंका गांधी

 

जनता को बुरे हालात में छोड़ने के बजाय जन कल्याणकारी कदम उठाए सरकार: प्रियंका गांधी

महंगाई और बिजली की दर न बढ़े, जनता है त्रस्त: प्रियंका गांधी

व्यापारियों और दुकानदारों को तत्काल दी जाए राहत: प्रियंका गांधी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कई महत्वपूर्ण सलाह दी हैं।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर ने जनसाधारण को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इस लहर के दौरान व्यवस्था की ढुलमुल तैयारियों के चलते जनता को असहनीय पीड़ा उठानी पड़ी।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि अप्रैल-मई में मचे हाहाकार ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार की कोई प्लानिंग नहीं थी। कई सारे अनावश्यक नियम और लालफीताशाही लोगों के लिए मुश्किलों का पहाड़ लेकर आये। महामारी ने जहां एक तरफ हजारों-लाखों लोगों को हमसे छीना है वहीं दूसरी तरफ रोजी-रोजगार, व्यापार और काम-धंधे के सामने भारी मुश्किलें पैदा कर दी हैं। आज करोड़ों लोग भविष्य को लेकर आशंकित है, उनकी कमाई के साधन कम हुए हैं और बहुत तेजी से महँगाई बढ़ी है। इसने खास तौर से मध्यम वर्ग को मुश्किलों में डाल दिया है। ईमानदारी और मेहनत से खाने-कमाने वाले लोगों को इन मुश्किल हालातों में उनके हाल पर छोड़ देने की बजाय आज जरूरत है कि आपकी सरकार आगे बढ़कर कुछ जनकल्याणकारी कदम उठाए जिससे लोगों को परेशानियों से थोड़ी राहत मिल सके।

महासचिव प्रियंका गांधी ने अपने पत्र में सलाह दिया है कि महामारी में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के अलावा निजी क्षेत्र अस्पतालों ने भी बड़ी भूमिका निभाई और कई गैर-सरकारी अस्पतालों ने जनसेवा की उम्दा और ईमानदार मिसाल पेश की है। मगर पूरे प्रदेश से निजी अस्पतालों द्वारा आम जनता से इलाज के लिए मोटी रकम वसूलने की शिकायतें भी आई हैं। अपने मरीजों के लिए परेशान लोग भारी-भरकम बिल चुकाने के लिए कर्ज ले रहे हैं और जैसे-तैसे करके पैसा जुटा रहे हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखा है कि आपसे निवेदन है कि निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर इलाज के लिए सुविधा के हिसाब से उचित एवं जनहितैषी कीमतें निर्धारित की जाएँ जिससे न अस्पतालों का आर्थिक नुक़सान हो, और न ही आम जनता के शोषण की गुंजाइश हो। सरकार मूल्यांकन कर जिन लोगों से जरूरत से ज्यादा पैसा वसूला गया है उनको मुआवजा देने की व्यवस्था करे।

श्रीमती प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि बढ़ती महंगाई के चलते आम लोगों के लिए दैनिक उपभोग की वस्तुएं एवं आवश्यक चीजों को खरीदना भी मुश्किल हो रहा है। खाद्य तेल, सब्जियां, फल, और घरेलू इस्तेमाल की चीजें बहुत तेजी से महंगाई की चपेट में आए हैं। प्रदेश में महंगाई पर नियंत्रण के लिए और वस्तुओं का दाम बांधने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाए जाने चाहिए ताकि इस बंदी के समय लोगों को घर चलाने में दिक्कत न हो।

उन्होंने पत्र में कहा है कि उत्तरप्रदेश की जनता बिजली के बढ़े दामों और स्मार्ट मीटरों से पहले ही बहुत त्रस्त है। संकट के इस दौर में उसे बिजली के बिलों में राहत मिलनी चाहिए लेकिन एक बार फिर उत्तरप्रदेश में बिजली के दाम बढ़ाये जाने की खबरें आ रही हैं। कृपया बिजली के दाम में एक भी पैसे की बढ़ोतरी न करें।

प्रियंका गांधी ने पत्र में लिखा है कि सूबे के स्कूल बंद हैं किंतु अभिवावकों पर स्कूलों में हर महीने फीस जमा करने का दबाव है। स्कूलों के सामने भी अपने शिक्षकों को वेतन देने इत्यादि का संकट है। प्रदेश सरकार को स्कूलों के प्रतिनिधियों एवं अभिवावकों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकर एक खाका तैयार कर फीस में छूट देने एवं स्कूलों को आर्थिक मदद का पैकेज देने की एक व्यवस्था बनानी चाहिए।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि बंदी की मार झेल रहे प्रदेश के व्यापारी एवं दुकानदार साथियों को राहत देने के लिए एक खाका तैयार किया जाए। जिसके जरिये उन्हें करों एवं शुल्कों में थोड़ी राहत दी जाए।

 

 

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