हाथरस गैंगरेप: परिजनों को बेटी का शव तक नहीं देखना दिया पुलिस ने! विपक्ष ने योगी को घेरा!

उत्तर प्रदेश के हाथरस में हुए गैंगरेप की पीड़िता की मौत के बाद यूपी सरकार की भूमिका को लेकर देशभर में लोग आक्रोशित हैं। लोगों में ये आक्रोश तब और बढ़ गया जब खबर आई की दिल्ली से जब युवती का शव हाथरस पहुंचा तो यूपी पुलिस ने परिवार की गैरमौजूदगी में आधी रात को जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया। पीड़ित परिवार का कहना है कि “हम अपनी बेटी का शव नहीं देख सके, पुलिस ने हमें घर में बंद कर दिया था और शव को ले जाकर जला दिया”।

पीड़िता की मौत और उसके बाद योगी सरकार द्वारा परिवार से अंतिम संस्कार का हक छीनने के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। यूपी में लगातार हो रही आपराधिक घटनाओं और बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर विपक्षी दलों ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस, बीएसपी और समाजवादी पार्टी समेत कई पार्टियों और नेताओं ने योगी सरकार पर गंभीर सवाल  उठाए हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि “ये सब सिर्फ़ दलितों को दबाकर उन्हें समाज में उनका ‘स्थान’ दिखाने के लिए UP सरकार की शर्मनाक चाल है। हमारी लड़ाई इसी घृणित सोच के ख़िलाफ़ है”।

इसके पहले एक अन्य ट्वीच में राहुल गांधी ने कहा कि “भारत की एक बेटी का रेप-क़त्ल किया जाता है, तथ्य दबाए जाते हैं और अन्त में उसके परिवार से अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया जाता है। ये अपमानजनक और अन्यायपूर्ण है”।

बहुजन समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष व यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि “यूपी पुलिस द्वारा हाथरस की गैंगरेप दलित पीड़िता के शव को उसके परिवार को न सौंपकर उनकी मर्जी के बिना व उनकी गैर-मौजूदगी में ही कल आधी रात को अन्तिम संस्कार कर देना लोगों में काफी संदेह व आक्रोश पैदा करता है। बीएसपी पुलिस के ऐसे गलत रवैये की कड़े शब्दों में निन्दा करती है”।

उन्होंने कहा कि “अगर माननीय सुप्रीम कोर्ट इस संगीन प्रकरण का स्वयं ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो यह बेहतर होगा, वरना इस जघन्य मामले में यूपी सरकार व पुलिस के रवैये से ऐसा कतई नहीं लगता है कि गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद भी उसके परिवार को न्याय व दोषियों को कड़ी सजा मिल पाएगी”।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष व यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि “हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है. ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है। भाजपा सरकार ने ऐसा करके पाप भी किया है और अपराध भी”।

कांग्रेस महासचिव व यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी ने कहा कि “रात को 2.30 बजे परिजन गिड़गिड़ाते रहे लेकिन हाथरस की पीड़िता के शरीर को उप्र प्रशासन ने जबरन जला दिया। जब वह जीवित थी तब सरकार ने उसे सुरक्षा नहीं दी। जब उस पर हमला हुआ सरकार ने समय पर इलाज नहीं दिया। पीड़िता की मृत्यु के बाद सरकार ने परिजनों से बेटी के अंतिम संस्कार का अधिकार छीना और मृतका को सम्मान तक नहीं दिया।

घोर अमानवीयता। आपने अपराध रोका नहीं बल्कि अपराधियों की तरह व्यवहार किया। अत्याचार रोका नहीं, एक मासूम बच्ची और उसके परिवार पर दुगना अत्याचार किया। योगी आदित्यनाथ इस्तीफा दो। आपके शासन में न्याय नहीं, सिर्फ अन्याय का बोलबाला है।

भीमा आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि “हमारी बहन-बेटियों की जान इतनी सस्ती नहीँ है, हमें न्याय चाहिए। केन्द्र सरकार पीड़ित परिवार को 2 करोड़ का मुआवजा, फर्स्ट क्लास नौकरी और आरोपियों को फास्टट्रैक कोर्ट के माध्यम से 30 दिन में सजा की घोषणा करें। यदि 24 घण्टे में हमारी मांगे नही मानी जाती तो भीम आर्मी भारत बंद करेगी।

दलित नेता व गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी ने कहा कि “आधी रात, परिवार से छिपाकर जलाया गया क्योंकि वह दलित थी। जैसे रोहित ने कहा था वही “fatal accident of birth” के कारण हमारा फ़ैसला होता है। अब खामोश नहीं रहेंगे: सड़कों पर उतरो, बाबासाहब के संविधान के रास्ते पर प्रदर्शन करो! योगी के ब्राह्मणवाद-ठाकुरवाद की अब ख़ैर नहीं है”!


 

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