कोरोना के शक़ में एनएसडी छात्रा को शाहजहांपुर अस्पताल में क़ैद करके भागे

योगी सरकार कोविड-19 के मरीज़ों के साथ कितनी संवेदनशीलता से पेश आ रही है इसकी एक मिसाल शाहजहाँपुर से आयी है। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से दीक्षित और फ़ेसबुक प्रोफाइल के मुताबिक वहीं कार्यरत शालू यादव को ज़िला अस्पताल में बुलाकर  ताले में बंद कर दिया गया है। न डाक्टर हैं और न नर्स। बाथरूम में हैंडवाश और सैनेटाइज़र भी नहीं है। अभी उनका सैंपल लिया गया है लेकिन उसका रिज़ल्ट नहीं आया है।

शालू ने फ़ेसबुक पर पोस्ट लिखकर सबसे मदद मांगी है। उनका कहना है कि उन्होंने दिल्ली से मां-बाप के साथ लौटने की पूरी जानकारी प्रशासन को दी। उन्हें अस्पताल बुलाकर सैंपल लिया गया और फिर ताले में बंद कर दिया गया। उन्होंने मीडिया से मदद मांगी है। उनकी पूरी बात इस पोस्ट में दर्ज है।

 

मीडिया विजिल की शाहजहांपुर के साथियों से अपील है कि शालू की मदद करें। प्रशासन से बात करें। शालू संक्रामित संभावित हैं और अगर मरीज़ भी हों तो अपराधी नहीं हैं। उन्हें संवेदनशील व्यवहार की ज़रूरत है और जो प्रशासन इतनी बुनियादी बात नहीं समझता, उसे बने रहने का कोई हक़ नहीं है।

 


 

First Published on:
Exit mobile version