कोरोना काल: विदेश में फँसे भारतीयों को वापस नहीं लाएगी सरकार

केरल हाईकोर्ट में दायर की गयी एक याचिका के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि वह फ़िलहाल विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस नहीं ला सकती। सरकार का कहना है कि कोरोना महामारी के चलते गल्फ देशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने की अभी हमारी कोई योजना नहीं है। सरकार के अनुसार प्रवासी भारतीयों की वीज़ा अवधि बढ़ायी जा चुकी है।

केरल हाईकोर्ट की डिवीज़न बेंच, जिसमें जस्टिस राज विजयराघवन और टीआर रवि शामिल थे, ने शुक्रवार को संयुक्त अरब अमीरात में फंसे भारतीयों को वापस लाने की याचिका पर सुनवाई की, जिनके सामने केंद्र सरकार की तरफ़ से कॉउंसिल ने अपना पक्ष सामने रखा। 

इससे पहले, केरल के अनिवासी भारतीयों के दुबई स्थित केरल मुस्लिम कल्चरल सेंटर (केएमसीसी) ने विदेश मंत्रालय सहित नागर विमानन मंत्रालय से यूएई में फंसे भारतीयों के लिए लॉकडाउन और अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा प्रतिबंधों के बीच विशेष व्यवस्था करने तथा उन्हें भारत लाने की अपील की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के दिशानिर्देशों के अनुसार वापस वतन पहुंचने पर लोगों को क्वारंटीन में रखा जा सकता है। 

जब कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह जानना चाहा कि वह गल्फ देशों में रह रहे मलयाली लोगों के बीच कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र केरल सरकार द्वारा मेडिकल टीम भेजने पर क्या राय रखती है तो सरकार ने कहा कि वहां फंसे भारतीयों के इलाज और जांच के लिए मेडिकल टीम भेजने के पहले गल्फ देशों की अनुमति मिलने की आवश्यकता है।

कोर्ट ने याचिका पर विचार करने के लिए 21 अप्रैल तक मामले को सुरक्षित रखा है। केंद्र सरकार ने ही केरल हाईकोर्ट को बताया कि ऐसे ही एक और मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही है।

एक रिपोर्ट के अनुसार अभी तक भारत से बाहर 53 देशों में 25 भारतीयों की मृत्यु हो चुकी है और 3336 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं


तस्वीर ईरान में फंसे भारतीयों की। द न्यूज़ मिनट से साभार।

 

 

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