NCRB रिपोर्ट: सड़क दुर्घटनाओं में बीते वर्ष 1.20 लाख लोग मरे, हर रोज़ हादसों से 328 मौतें!

देश में वाहन चालकों को यातायात के नियमों को अनुसाशन करने की सलाह दी जाती है, नियमों का पालन न करने पर कई बार चालान भी हो जाता लेकिन उनके बावजूद लोग नियमों का पालन नहीं करते जिससे आए दिन सड़क दुर्घटना होती रहती है। केवल 2020 में लापरवाहीपूर्वक वाहन चलाने से 1.20 लाख लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी है। 1.20 लाख लोगों किसी न किसी कारण सड़क दुर्घटना का शिकार हो गए।

जबकि 2020 में महामारी का दौर था और लॉकडाउन के कारण सभी काम बदन थे बावजूद इसके यह स्थिति रही। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना में लॉकडाउन के बाद भी औसत रूप से 2020 में हर रोज 328 लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2020 के लिए अपनी वार्षिक ‘क्राइम इंडिया’ रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है। तीन वर्षों के दौरान लापरवाही के कारण कुल 3.92 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले NCRB की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 के बाद से हिट एंड रन के 1.35 लाख मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, पिछले एक साल में देश भर में हर दिन औसतन 112 हिट एंड रन के मामले सामने आए हैं।

सार्वजनिक मार्ग पर तेज़ रफ्तार या लापरवाही से वाहन चलाने के कारण चोट लगने के मामले..

 

गंभीर चोट के मामले..

वर्ष 2020 में देश में सरकार द्वारा महामारी के कारण सख्त तालाबंदी थी, इसके बावजूद लाखों लोगों ने केवल वाहन की तेज़ गति, लापरवाही के कारण जान गवा दी। लोगो को दुर्घटना से कुछ हद तक महफूज़ रखने के लिए हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है लेकिन लोग सिर्फ चालान से बचने के लिए हेलमेट का प्रयोग करते है। जिसका नतीजा यह आंकड़े है। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना महामारी के कारण देश में 25 मार्च 2020 से 31 मई 2020 तक लॉकडाउन था। इस दौरान सार्वजनिक स्थानों पर आवाजाही बेहद सीमित रही। इसके बावजूद तुलनात्मक रूप से हादसों में कोई कमी नहीं आई।

रेल हादसों में हुई मौतों को देखे तो रेल दुर्घटनाओं में लापरवाही से हुई मौत..

इलाज में लापरवाही से मौतों के 133 मामले…

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