नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं के ऊपर BJP से जुड़े रेत खनन माफिया का हमला

12 जून 2018, बड़वानी: एक बार फिर शासन की विफलता के चलते नर्मदा बचाओ आन्दोलन के कार्यकर्ताओं को माँ नर्मदा को अवैध रेत उत्खनन से छलनी करते हुए रेत माफियाओं का सामना करना पड़ा है.

मंगलवार की सुबह बडवानी से निसरपुर की ओर जाते हुए राजघाट पर न.ब.आ. के कार्यकर्ताओं की नजर रेत से भरे तीन ट्रेक्टरों पर पड़ी. न.ब.आ.के कार्यकर्त्ता रोहित और राजा ने तुरंत बडवानी थाना प्रभारी को फ़ोन लगाया पर उन्होंने फ़ोन नहीं उठाया. इसके बाद A.S.I. आर.सी.चौहान को फ़ोन लगाकर कार्यकर्ताओं ने स्थिति बताई एवं माफियाओं द्वारा हमले का अंदेशा भी दिया पर A.S.I. ने बोला कि S.P. साहब का आदेश है कि खनिज विभाग ही इन मामलों को देखेगा. कड़े शब्दों पर हमले का खतरा होने की स्थिति बताने पर पुलिस ने आने का दिलासा दिया. तीन में से एक ट्रेक्टर ने सड़क पर ही रेत खाली कर दी और एक ट्रेक्टर किसी अन्य दिशा में भाग गया. तीसरे ट्रेक्टर का पीछा करते हुए कार्यकर्त्ता कसरावद रोड पर पहुंचे जहाँ ट्रेक्टर को बचाने 30-40 रेत माफिया वहां पहुँच गए थे. इन माफियाओं ने न.ब.आ. की दोनों गाड़ियों पर बड़े-बड़े पत्थरों से हमला कर दिया. इस बीच आन्दोलन की एक गाड़ी के सारे कांच फूट गए एवं रोहित और राजा को हलकी चोटें आई लेकिन उन्होंने गाड़ी को भागाकर खुद की जान बचाई. इस पत्थरबाजी के बीच माफिया ट्रेक्टर लेकर भाग गए.

मई 2015 के उच्च न्यायालय की जबलपुर खंडपीठ तथा NGT भोपाल के फैसले से यह स्पष्ट होता है कि डूब क्षेत्र में नर्मदा के तट से किसी भी तरह का रेत उत्खनन अवैध एवं प्रतिबंधित है. रेत खनन से गंभीर पर्यावरणीय नुक्सान व पर्यावरण सुरक्षा अधिनियम 1986 का उल्लंघन हुआ है. रेत खनन स्थलों से भारी मात्रा में रेत नर्मदा व अन्य नदियों से अवैध तरीकों से लूटी जा रही है. इसके बाद भी आज नर्मदा के तट पर रेत से भरे सैकड़ों ट्रेक्टर रोजाना दिखाई पड़ते हैं. राजस्व एवं पुलिस विभाग को नर्मदा बचाओ आन्दोलन ने कई बार अवैध रेत से भरे ट्रेक्टरों की सूचना दी है फिर भी इस पर कभी उचित समय पर कार्यवाही नहीं होती है. कई बार न.ब.आ के कार्यकर्ताओं ने खुद की क्षमता के अनुसार इन ट्रेक्टरों को रोकने और पुलिस को इसके बारे में सूचना दी है, इसके फलस्वरूप कई बार इन पर हमले भी हुए हैं.

हमलाखोरों में प्रमुख थे शिवेंद्र निगम (बडवानी वार्ड नंबर 2 की भाजपा पार्षद मीता निगम के पति) एवं भाजपा के साथ जुड़े परिवार से बडवानी शहर के पंकज निगम. इनके अलावा हमले में शामिल रहे कुल 30 से अधिक व्यक्तियों में मोहन/पिता शोभाराम, ग्राम भीलखेड़ा; रतन/पिता खुम सिंह, ग्राम भीलखेड़ा तहसील व जिला बडवानी; सुनील गोपाल प्रजापति, निवासी वार्ड क्रमांक 13, बडवानी; सिलदार/पिता गंडा, मूल ग्राम बोम्या बल्खड निवासी बडवानी. मोहन, पिता शोभाराम रेत माफिया कैलाश भामरे के ट्रेक्टर पर रेत परिवहन का काम करता रहा है एवं भीलखेड़ा के रतन पिता खुम सिंह को भी पहले रंगे हाथ पकड़ चुके हैं.

पुलिस प्रशासन सही धारा लगाने के पक्ष में न होते हुए कार्यकर्ताओं ने काफी दबाव बनाने के बावजूद सही धाराएं FIR में नहीं लगायी गयीं. कार्यकर्ताओं ने वारदात के सभी फोटो एवं विडियो पुलिस अफसरों के पास जमा कराए एवं कई माफियाओं की पहचान भी बतायी. इसके बाद पुलिस के कहने पर कार्यकर्ता खनिज विभाग गए. वहां खनिज अधीक्षक सचिन वर्मा से लम्बी चर्चा चली. खनिज अधीक्षक ने कहा कि रेत उत्खनन के सारे अधिकार राज्य सरकार ने जिला पंचायत को दे दिए हैं अतः वो अवैध रेत खनन के किसी भी मामले पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर सकते हैं जबकि वास्तविक तौर पर सरदार सरोवर डूब क्षेत्र में ऐसा नहीं पाया गया है.

इस तरह प्रशासन, कार्यकर्ताओं को एक जगह से दूसरी जगह घुमाता रहा तथा अपनी जिम्मेदारियों से भागता रहा. नर्मदा सेवा यात्रा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की थी कि जगह जगह हो रहा अवैध रेत खनन पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया जायेगा और किसी को भी बख्शा नहीं जायेगा लेकिन पुलिस प्रशासन, खनिज विभाग, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण, राजनेताओं एवं रेत माफियाओं का यह गठजोड़ उग्र रूप से आज भी सक्रिय है. खदानों की संख्या एवं रेत खनन की मात्रा बढ़ी है, कम नहीं हुई है.

पुलिस प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इकबाल के सितम्बर 2014 के फैसले के आधार पर आईपीसी 379 के तहत चोरी के आरोप में रेत खनन करने वाले एवं उसका परिवहन करने वालों को अपराधी बनाना था लेकिन नहीं बनाया है. साथ ही हमले की  शिकायत धारा 341, 294, 323, 506, 427 व 34 के अंतर्गत दर्ज की गयी है किन्तु 307 (जान से मारने की कोशिश) की धारा लगाना ज़रूरी होते हुए तथा थाने पर एकत्रित हुए सभी कार्यकर्ताओं के आग्रह करने के बावजूद पुलिस प्रशासन के द्वारा नहीं लगाई गयी. नर्मदा बचाओ आन्दोलन की मांग है सभी पहचाने गए आरोपियों को एवं हमला खोरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.


प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित 

First Published on:
Exit mobile version