वर्ष 2020-21 के बजट को जनविरोधी करार देते हुए देशभर के चार दर्जन से अधिक संगठनों ने इस बजट के खिलाफ आज दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. इन संगठनों की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि बजट 2020 लोगों की उम्मीदों को पूरी तरह से धोखा देता है। ऐसे समय में जब आर्थिक मंदी है, कृषि संकट चल रहा है और बेरोज़गारी और मुद्रास्फीति बढ़ती जा रही है, सरकार द्वारा आम व्यक्ति को सामान्य जीवन जीने के लिए, कोई राहत देने के बजाय, सामाजिक क्षेत्र में प्रमुख योजनाओं को बजट में और घटा दिया है। यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार का एजेंडा, सरकार के द्वारा बुनियादी सेवाओं की ज़रूरतें पूरी करने के बजाय निजीकरण को बढ़ावा देने की ओर है।
जन विरोधी बजट के विरोध में खाद्य सुरक्षा, रोज़गार, स्वास्थ्य, एससी / एसटी कल्याण, सामाजिक कल्याण पेंशन, शिक्षा और पर्यावरण पर इसके दुष्परिणामों को उजागर करने के लिए जंतर-मंतर पर 5 फरवरी 2020 को विभिन्न अभियान, समूह और आम लोग एक साथ आवाज़ बुलंद करेंगे।
इस धरने का आयोजन निम्नलिखित संगठनों की ओर से किया गया है:
रोज़ी रोटी अधिकार अभियान, जनांदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय, नरेगा संघर्ष मोर्चा, पेंशन परिषद, सफाई कर्मचारी आंदोलन, जन स्वास्थ्य अभियान, नेशनल कैंपेन फॉर दलित ह्यूमन राइट्स, दसम, वादा न तोड़ो अभियान, जन एकता जन अधिकार मंच, जय किसान अंदोलन, राइट टू एजुकेशन (आरटीई) फोरम, एडवा, एनएफआईडब्ल्यू, सतर्क नागरिक संगठन, युवा हल्ला बोल, घरेलू कामगार यूनियन, दिल्ली समर्थक समूह, नेशनल फिशवर्कर्स फोरम, एनटीयूआई, निरमाना, नाइन इज़ माइन, अमन बिरादरी, यूनाइटेड अगेंस्ट हेट, नेशनल नेटवर्क ऑफ़ सेक्स वर्कर्स, क्रान्तिकारी नौजवान सभा, नोट इन म्य नेम कैंपेन, आल इंडिया नेटवर्क आफ सेक्स वर्कर्स, आइसा, ऐपवा, एआईसीसीटीयू, मज़दूर किसान शक्ति संगठन, सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान, पिंजरा तोड़, विकलांग अधिकार महासंघ, इंस्टीट्यूट आफ पॉलिसी स्टडीज एंड एडवोकेसी, खुदाई खिदमतगार और दिल्ली में अलग-अलग जगह CAA/NRC के विरोध में चल रहे प्रदर्शनों से प्रदर्शनकारी