मुंबई : मुस्लिम डिलीवरी बॉय से सामान लेने से मना करने वाला गिरफ़्तार

मुस्लिम होने की वजह से सामान नहीं लिया

मुंबई में एक मुस्लिम डिलीवरी बॉय से सामान न लेने की घटना सामने आई है। टीवी चैनलों और सोशल मीडिया के द्वारा मुस्लिमों के ख़िलाफ़ आम लोगों के मन में किस तरह से नफ़रत फैलायी जा रही है ये घटना उसी का उदाहरण है। मामला मुंबई के ठाणे का बताया गया है। दरअसल 21 अप्रैल 2020 को 51 साल के गजानन चतुर्वेदी के घर से राशन का सामान आर्डर किया था। जिसके बाद सामान ले आने वाला व्यक्ति गेट पर खड़ा था। वहीं पर गजानन चतुर्वेदी ने उसका नाम पूछा, डिलीवरी बॉय के अपना नाम बरकत उस्मान बताते ही, गजानन ने उस सामान लेने से मना कर दिया और अंदर जाते हुए कहने लगा कि “मुसलमानों से कोई सामान नहीं लेना है।”

इस दौरान बरकत ने इस घटना की वीडियो बना लिया और सारी जानकारी पुलिस को दे दी। जिसके बाद पुलिस ने गजानन चतुर्वेदी के ख़िलाफ़ धार्मिक भावना आहत करने के उद्देश्य से की गयी दुर्भावनापूर्ण हरकत के तहत मामला दर्ज करते हुए गिरफ़्तार करके, ठाणे सेशन कोर्ट में पेश किया।

डिलीवरी बॉय ने वीडियो बनाकर, पुलिस से की शिकायत

 

 

 

 

 

 

 

 

 

बरकत ने वीडियो दिखाते हुए पुलिस को बताया कि गजानन के साथ आई महिला सामान लेना चाहती थी लेकिन महिला को सामान लेने से मना कर दिया गया। कोरोना वायरस को रोकने के लिए चल रहे लॉकडाउन के दौरान घर से बाहर निकलने और कहीं आने-जाने की रोक है। इसीलिए सामानों की होम डिलीवरी की जा रही है उस पर भी यदि धर्म के आधार पर डिलीवरी करने वालों के साथ भेदभाव किया जा जायेगा तो ये समाज के अंदर भरे जा रहे ज़हर और अफ़वाहों का ही नतीजा है।

Image credit- Alt News Hindi

अफ़वाहों की वजह से बढ़ रही हैं घटनाएँ

कुछ दिन पहले ही मेरठ के एक अस्पताल ने विज्ञापन देकर मुस्लिमों का इलाज न करने की बात कही थी। जब से तबलीगी ज़मात वाली घटना हुई है तब से टीवी चैनलों पर और सोशल मीडिया पर बहुत से लोगों ने सारे मुस्लिम समाज को कोरोना वायरस को फ़ैलाने का ज़िम्मेदार मान लिया है। अधिकतर टीवी मीडिया रोज दिन भर कोरोना वायरस को मुस्लिम एंगल देने का काम कर रही है। इन अफ़वाहों को सोशल मीडिया पर इतनी ज्यादा मात्र में फ़ैला दिया गया है कि ये अफवाहें इंटरनेट से निकल कर समाज के भीतर दिखने लगी हैं। कहीं मुस्लिमों को गाँव के भीतर नहीं जाने दिया जा रहा तो कहीं गरीब मुस्लिम ठेला लगाने वाले, रेहड़ी पर दुकान चलाने वालों को उनका नाम पूछ कर, उनका पहचान पत्र देख कर उन्हें मारा जा रहा है। दिन भर मुस्लिमों के नाम से झूठे वीडियो वायरल किये जा रहे हैं। फ़र्ज़ी सोशल मीडिया यूजर्स के साथ ही वेरीफाईड अकाउंट से भी बिना जांचे बिना सत्यता जाने ऐसी वीडियो समाज को बाँटने के लिए फैलायी जा रहीं हैं।

image credit: Alt News Hindi

अरब देशों की चिंता और केंद्रीय मंत्री का बयान

भारत में मुस्लिमों के ऊपर बढे रहे अत्याचार और प्रताड़ना को लेकर अरब देशों ने भी चिंता ज़ाहिर की है। अरब देशों के बड़े संगठन ओआईसी ने मुसलमानों पर हो रहे कथित उत्पीडन का आरोप लगाने के साथ ही कहा था कि भारत में मीडिया मुसलमानों की नकारात्मक छवि गढ़ रही है। हालाँकि केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने हाल ही में दिए बयान में कहा है कि “किसी एक संस्था या व्यक्ति के द्वारा किये गए गलत कार्यों की वजह से पूरे समुदाय को गलत नहीं ठहराना चाहिए।”

 


 

First Published on:
Exit mobile version