यूपी पुलिस पर युवक को लाठियों से पीट कर मारने का आरोप

उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर जिले में रिज़वान नाम के एक युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु के बाद, उसके परिवार वालों ने पुलिस के ऊपर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस की पिटाई से हमारे बच्चे की जान गयी है।

लॉकडाउन का उल्लंघन कह के युवक की पिटाई

अंबेडकरनगर में भूख से परेशान एक युवक की बिस्किट लेने जाने पर पुलिस वाले पिटाई कर देते हैं और फिर 2 दिन बाद उसकी मृत्यु हो जाती है। दरअसल 15 तारीख़ को अम्बेडकर नगर जिले के टांडा कोतवाली में छज्जापुर निवासी रिज़वान की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी। परिवार वालों का कहना है कि भूखा होने की वजह से रिजवान खाने के लिए बिस्किट ख़रीदने गया था। कुछ दूरी पर लोकल पोस्ट ऑफिस के पास पहुँचने पर रिज़वान को लॉकडाउन का पालन न करने की बात कह कर पुलिसवालों ने लाठियों से पीटा। वापस घर आने पर रिज़वान का शरीर चोट के निशानों से नीला पड़ा हुआ था। पूछने पर रिज़वान ने पुलिस की पिटाई का ज़िक्र किया। पुलिस के डर से उसके घर वाले अस्पताल न ले जाकर शुरुआत में घरेलू उपचार करने लगे लेकिन तबियत बिगड़ने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ केंद्र टांडा ले जाया गया, हालत बिगड़ने पर उसे जिला अस्पताल भेज दिया गया। जिला अस्पताल में देर रात इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गयी। रिज़वान के पिता इसराइल का आरोप है कि मेरा बेटा भूखा था इसलिए वो बाहर सामान लेने गया था लेकिन पुलिस वालों ने लॉकडाउन बाहर निकलने की बात कहकर उसे लाठियों से मारा, जिससे उसको काफ़ी चोटें आयीं और उसकी मृत्यु हो गयी।

एडिशनल एसपी ने दिया उचित कार्रवाई का भरोसा

मृत्यु के बाद रिज़वान के परिवार वालों के साथ ही स्थानीय लोग पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ़ सड़क पर उतर गए। सूचना मिलने पर एडिशनल एसपी अवनीश कुमार मिश्रा लोगों के बीच पहुंचे और उन्हें शांत कराया और मामले की जाँच की उचित कार्रवाई का भरोसा दिया।

एडिशनल एसपी अवनीश कुमार मिश्रा

कुछ भुखमरी से मर जायेंगे कुछ लाठियों से

इंटरनेट से साभार

कोरोना संक्रमण न फ़ैले इसलिए देश भर में लॉकडाउन की समय सीमा बढ़ा दी गयी है। जिसकी वजह से बहुत से ग़रीब लोगों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है। देश भर से सोशल मीडिया पर भूख से परेशान लोगों की तस्वीरें लगातार आ रही हैं। जिसमें उनके भूखे रहने का दर्द साफ़ दिख रहा है। सरकार के सबको भोजन देने के दावों के बीच बहुत से गरीब और दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोज़मर्रा के भोजन की व्यवस्था नहीं है तो कहीं सिर्फ़ एक समय का भोजन मिल पा रहा है।

एक तरफ़ तो उत्तर प्रदेश पुलिस के ऊपर फूल बरसाए जाते हैं उसके लिए तालियाँ बजायी जाती हैं तो वहीं दूसरी तरफ़ पुलिस की ये कार्यशैली उसके लिए लोगों के विरोध का कारण बन जाती है। कोरोना संक्रमण की वजह से देश में चल रहे लॉकडाउन ने बहुत से लोगों को भूखा मरने को मजबूर कर दिया है। कहीं 2 एक समय का खाना लेने के लिए 2 किलोमीटर लम्बी लाइनों में लगना पड़ रहा है तो कहीं लोगों को पर्याप्त राशन नहीं मिल पा रहा है। उस पर भूख मिटाने के लिए बिस्किट लेने जाने पर युवक को बेरहमी से मार देने का आरोप पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार की छवि बुरी तरह ख़राब करेगा।

 

First Published on:
Exit mobile version