भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी नवम्बर महीने में होने वाले चुनाव को लेकर बीजपी के मुखिया अमित शाह के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आईं हैं। लगातार मिल रहे फीडबैक के बाद उन्हें भी पार्टी की हार के आसार दिख रहे हैं। चौथी बार जीत के लिए संकल्पित अमित शाह बड़ी संख्या में नये चेहरे उतारने की रणनीति पर काम कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक गत दिवस जबलपुर में पार्टी के चुनाव प्रबंधन, रणनीतिकार और सोशल मीडिया के साथयों की बैठक में अमित शाह ने खुले संकेत दिए कि मप्र में पार्टी की सत्ता के लिये लगातार चौथी जीत की संभावना धूमिल होती जा रही है। बीते दिनों कई न्यूज़ चैनलों और अखबारों के सर्वे में कांग्रेस को भारी बढ़त लेते दिखाया गया है। पार्टी और आरएसएस के अपने सर्वे के नतीजे भी बहुत प्रतिकूल ही आये हैं।
सूत्र बताते हैं कि अमित शाह ने कहा है कि मप्र में कांग्रेस को कमजोर समझने की भूल न करें। उन्हें बीजपी के प्रति बढ़ती एन्टी इनकंबेंसी की खबर है। उन्होंने संकेत दिए कि वर्तमान विधायकों में से 100 से अधिक के टिकिट काटे जा सकते हैं।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को यह जानकारी भी है कि कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल करने में सफल हो रही है इसके चलते बीजपी की राह आसान नहीं रहेगी।
इसके अलावा आधा सैकड़ा कर्मचारी संगठनों के कांग्रेस को समर्थन देने के ऐलान ने भी पार्टी अध्यक्ष को चिंता में डाला है। किसान आक्रोश को साधने में भी पार्टी और प्रदेश सरकार विफल रही है। इन सब बातों के आधार पर अमित शाह मान रहे हैं कि विधानसभा चुनाव में पार्टी हार सकती है। इस हार को टालने के लिए वे वर्तमान विधायकों में से एक सैकड़ा से भी ज्यादा के टिकिट काट कर नये चेहरे मैदान में लाने की रणनीति पर विचार कर रहे हैं।
पार्टी अध्यक्ष अमित शाह मप्र के अपने लगातार दौरों में बार बार संकेत देते रहे हैं कि अगला चुनाव चेहरे पर नहीं संगठन द्वारा लड़ा जाएगा। अमित शाह को ये फीडबैक मिला है कि शिवराज सिंह के प्रति व्यक्तिगत आक्रोश दिनों दिन बढ़ रहा है इसलिये वे शिवराज का चेहरा पीछे रखकर संगठन का नाम आगे बढ़ा रहे हैं।
दो महीना पहले भोपाल आये पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव( संगठन) रामलाल भरी बैठक में शिवराज सिंह को इंगित कर कह गए थे कि “हर कोई कह रहा है कि आप जा रहे हैं..”।
कर्मवीर से साभार।