कानपुर: दिवाली के दिन मिले ज़ीका वायरस के 30 नए मामले, कुल संक्रमितों की संख्या 66 हुई!

दिवाली के दिन खुशी के बीच कानपुर से एक बेहद बुरी और चिंताजनक खबर सामने आई हैं। यहां दिवाली के दिन ही ज़ीका वायरस के अब तक के सबसे अधिक मामले मिले हैं। चकेरी क्षेत्र के कंटेनमेंट जोन से भेजे गए सैंपल में जीका वायरल संक्रमण की पुष्टि हुई और ज़ीका के नए 30 संक्रमित मिले। इनमे से 10 महिलाएं और 20 पुरुष हैं।

ज़ीका संक्रमितों की कुल संख्या 66 हुई..

बता दें कि बुधवार को ही चकेरी इलाके में ज़ीका वायरस के 25 मामले सामने आए थे, जिसके बाद शहर में कुल ज़ीका संक्रमितों की संख्या 36 हो गई थी। स्थिति के मद्देनजर इलाके में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया था। अब ताज़ा 30 मामले सामने आने के बाद ज़ीका संक्रमितों की कुल संख्या 66 हो गई है। सीएमओ डॉ. नायपाल सिंह ने इस बात की पोष्टि की है जिन 30 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उनमें 10 महिलाएं हैं।

संक्रमितों को होम आइसोलेशन में रखा गया..

ज़ीका संक्रमितों को फिलहाल होम आइसोलेशन में रखा गया है और मच्छरदानी में रहने की सलाह दी गई है। संक्रमितों में किसी को भर्ती नहीं किया गया है। अब तक कुल 28 महिलाएं ज़ीका से संक्रमित हो चुकी हैं। इनमें से एक गर्भवती है। संक्रमित मिलने के बाद अधिकारियों ने बैठक कर स्थिति की समीक्षा की है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने चकेरी क्षेत्र के ज़ीका प्रभावित हरजेंद्र नगर, एयरफोर्स परिसर, पोखरपुर, लालकुर्ती, मोतीनगर, अशरफाबाद, आदर्शनगर आदि क्षेत्रों से सैंपल भेजे थे।

ज़ीका वायरस एक मच्छर के पेट से निकला..

प्रभावित इलाकों में जाकर सर्विलांस टीमों ने लार्वासाइडल का छिड़काव किया। मालूम हो कि हाल ही में दिल्ली और लखनऊ से कीट पकड़ने वाली टीम अपने साथ मच्छरों के नमूने ले गई थी। इससे पहले भी दो सौ मच्छरों के सैंपल भेजे जा चुके थे। इनमें ज़ीका वायरस एक मच्छर के पेट से निकला है।

मरीज को छूने या उसके पास बैठने से नहीं फैलता ज़ीका..

ज़ीका वायरस हवा से और मरीज को छूने या उसके पास बैठने से नहीं फैलता है। संक्रमण तभी होता है जब एक मच्छर एक मरीज को काटता है और फिर दूसरे व्यक्ति को काटता है। इसके अलावा, ज़ीका घातक नहीं है। वायरल लोड बढ़ने पर ही लक्षण दिखाई देते हैं। जिन्हें पहले से ही कोई गंभीर बीमारी है ऐसे ही लोगो में अन्य वायरल संक्रमणों की तरह, ज़ीका पुरानी बीमारी की जटिलताओं को बढ़ा देगा।

क्या है ज़ीका वायरस..

ज़ीका वायरस फ्लाविविरिडए विषाणु परिवार से है। जो दिन के समय सक्रिय रहते हैं। ज़ीका वायरस उन्हीं मच्छर की प्रजाति से फैलता है जिनसे डेंगू फैलता है, यानी एडीस मच्छर। ज़ीका वायरस सलाइवा और सीमेन जैसे शरीर के तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से संक्रामक हो सकता है।

ज़ीका के लक्षण..

ज़ीका वायरस का लक्षण डेंगू बुखार की ही तरह होते हैं। अधिकांश मामलों लगभग 60 – 80 % में कोई लक्षण नहीं दिखते। अगर कुछ लक्षण दिखते भी हैं तो वे लक्षण अमूमन हल्का बुखार, लाल आँखें, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, लाल चकत्ते, गुलेन बारी सिंड्रोम, न्यूरोपैथी होते हैं। आम तौर पर लक्षण हल्के और 7 दिनों से भी कम रहते हैं।

 ज़ीका से क्या है खतरा..

ज़ीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए अधिक खतरनाक है। इससे गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क का विकास नहीं होता। हालांकि इसकी मृत्यु दर कम बताई जाती है। इस वायरस के केस वर्ष 2007 में एशिया और वर्ष 2021 में केरल और महाराष्ट्र में मिले।

First Published on:
Exit mobile version