JNU: छात्रों का संसद मार्च, पुलिस और छात्रों के बीच संघर्ष, कई छात्र गिरफ्तार

फीस बढ़ोतरी के खिलाफ जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स का संसद मार्च शुरू हो गया है। करीब दो से तीन हजार स्टूडेंट मार्च निकाल रहे हैं।जेएनयू कैंपस के बाहर धारा 144 लागू कर दी गई है। कई छात्रों को हिरासत में लिया गया। जेएनयू गेट के बाहर भारी संख्या में पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है।  दिल्ली पुलिस ने 9 कंपनी फोर्स तैनात की है।  करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल है। 

ताजा सूचना के मुताबिक सफदरजंगमकबरे के पास बैरिकेट लगा कर मार्च को रोकने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले बेर सराय के पास रोकने की कोशिश हुई थी।

एक तरफ छात्रों का कहना है कि वो किसी भी हालत में संसद पहुंच कर रहेंगे, वहीं पुलिस ने सभी रास्तों पर छात्रों को रोकने के पुख्ता इंतजाम किया हुआ है।

पुलिस और छात्रों के बीच झड़प झड़प शुरू हो गया है। छात्रों ने बैरिकेट तोड़ने की कोशिश की। पुलिस ने बल प्रयोग किया जिसमें कई छात्रों को चोटें आई हैं। खबर के अनुसार छात्रसंघ अध्यक्ष ओइशी घोष समेत करीब 100 से भी ज्यादा छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

https://twitter.com/jnu_voice/status/1196356367646261250

छात्रों का कहना है कि हमें पुलिस ‘मास अरेस्ट’ कर ले, लेकिन आज हम संसद तक जाकर रहेंगे।

https://twitter.com/sucheta_ml/status/1196338097501261825

आइसा और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा कि पुलिस ने उन्हें मारा है, माँ-बहन की गालियां दी है।

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने पुलिस की कार्रवाई की आलोचना की है

छात्रों के संसद मार्च के चलते संसद भवन के आसपास धारा 144 लगा दी गई है।

सीपीआई एम एल महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य का ट्वीट।

जेएनयू प्रशासन द्वारा फ़ीस वृद्धि व अन्य प्रस्तावित नियमों के विरुद्ध छात्र बीते तीन सप्ताह विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

बता दें कि आज से ही संसद का शीतकालीन सत्र भी शुरू हुआ है।

इससे पहले जेएनयूएसयू ने कहा, ‘ऐसे समय में जब देश में शुल्क वृद्धि बहुत अधिक पैमाने पर हो रही है, तो समग्र शिक्षा के लिए छात्र आगे आये है। हम संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जेएनयू से संसद तक निकाले जाने वाले मार्च में शामिल होने के लिए सभी छात्रों को आमंत्रित करते हैं।’

छात्रों का कहना है कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण है। वे बस संसद तक जाकर अपने प्रतिनिधियों (सांसदों) का ध्यान अपनी परेशानी की तरफ आकर्षित करना चाहते हैं।

 

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