जेएनयू हिंसा को लेकर बवाल के बीच प्रख्यात अर्थशास्त्री और जेएनयू के प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर ने विश्वविद्यालय में बने हालात का हवाला देते हुए आर्थिक आंकड़ों की समीक्षा करने वाले सरकारी पैनल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.
Professor C.P. Chandrasekhar, member of the panel of statisticians and economists headed by India’s former chief statistician Pranab Sen, cited “current conditions” in a letter to the committee’s chairman. https://t.co/kZ7bg0lT0Z
— The Telegraph (@ttindia) January 7, 2020
कमेटी की भारत के आर्थिक डेटा पर मंगलवार यानी आज पहली समीक्षा बैठक होने वाली थी, लेकिन इस बैठक से पहले ही प्रोफेसर सीपी चंद्रशेखर कमेटी से इस्तीफा दे दिया है. पिछले महीने मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लिमेंटेशन ने इकोनॉमिक स्टैटिस्टिक्स पर स्टैंडिंग कमेटी का गठन किया था, जिसकी कमान चीफ स्टैटिस्टिशयन प्रनब सेन कर रहे हैं. चंद्रशेखर ने मौजूदा हालात पर चिंता जाहिर कर कहा कि ऐसी सरकार के साथ काम करना मुश्किल है जिस पर से आपका विश्वास उठ चुका हो.
Have lost faith in the government after violence at university, C.P. Chandrasekhar says https://t.co/bSZYq2u35M #JNUViolence #JNUattack
— The Hindu (@the_hindu) January 7, 2020
प्रोफेसर सी.पी. चंद्रशेखर ने अपने इस्तीफे में कहा, “मुझे यह सूचित करते हुए अफसोस हो रहा है कि जेएनयू में, जहां मैं रहता हूं, मौजूदा हालात की वजह से मैं कल की बैठक में शामिल होने में असमर्थ हूं. इसके अलावा, मुझे लगता है, मौजूदा स्थितियों में कमेटी भी सांख्यिकीय प्रणाली की विश्वसनीयता को बहाल करने में कामयाब नहीं हो पाएगी, जिसकी हालिया वक्त में साख घट गई है.”
इस पैनल का गठन तब किया गया था जब सांख्यिकी प्रणाली में ‘राजनीतिक दख़लअंदाज़ी’ को लेकर चिंता ज़ाहिर की गई थी.
रविवार को जेएनयू कैंपस में नकाबपोश हमलावलों ने करीब 4 घंटे तक तांडव मचाया था और छात्रों-शिक्षकों को बुरी तरह पीटा था. जेएनयू हिंसा में करीब 28 लोग घायल हो गए थे, जिमनें जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष भी शामिल थीं.