सौ से अधिक पूर्व नौकरशाहों ने गुरुवार को लोगों के नाम एक खुला पत्र लिखकर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता पर गंभीर आपत्तियों का उल्लेख करते हुए कहा है कि एनपीआर और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद है जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कत होगी इसलिए इनकी कोई जरुरत नहीं है.
पत्र में लिखा गया है कि, “हम, संवैधानिक आचरण समूह, जिसमें भारत के संविधान के लिए प्रतिबद्ध अखिल भारतीय और केंद्रीय सेवाओं के पूर्व सिविल सेवक शामिल हैं, आपको यह सूचित करना हमारा कर्तव्य है कि एनपीआर, सीएए और एनआरआईसी से संबंधित तथ्यों से परिचित कराएं और यह बताएं कि क्यों इनका विरोध करना जरुरी है.
CCG letter_CAA-NPR-NRICचार पेजों के इस पत्र पर 106 पूर्व आईएएस अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं. इन नौकरशाहों में दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग, तत्कालीन कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला शामिल हैं.
पत्र में लिखा है, ‘‘ऐसे समय जब देश की आर्थिक स्थिति पर देश की सरकार की ओर से गंभीर ध्यान दिये जाने की जरूरत है, भारत ऐसी स्थिति बर्दाश्त नहीं कर सकता जिसमें नागरिकों और सरकार के बीच सड़कों पर टकराव हो.” पत्र में लिखा है, ‘‘ना ही ऐसी स्थिति वांछित है जिसमें बहुसंख्यक राज्य सरकारें एनपीआर या एनआरआईसी लागू करने को तैयार नहीं हैं जिससे केंद्र और राज्य के संबंधों में एक गतिरोध उत्पन्न हो.
इसमें लिखा है, ‘‘हम एक ऐसी स्थिति उत्पन्न होने का खतरा महसूस करते हैं जिसमें भारत के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सद्भावना खोने और निकट पड़ोसियों से उसके संबंध खराब हो सकते हैं जिसके उप महाद्वीप में सुरक्षा परिदृश्य के लिए प्रतिकूल परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं.” सेवानिवृत्त नौकरशाहों ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और एनआरआईसी की कोई जरूरत नहीं है.
पत्र में लिखा है, ‘‘पूर्व नौकरशाहों के हमारे समूह का यह दृढ़ता से मानना है कि एनपीआर और एनआरआईसी ‘अनावश्यक और व्यर्थ की कवायद’ है जिससे बड़े पैमाने पर लोगों को दिक्कतें होंगी. इससे सार्वजनिक व्यय होगा और बेहतर होगा कि उसे गरीबों और समाज के वंचित वर्गों की लाभकारी योजनाओं पर खर्च किया जाए.” इसमें कहा गया कि इससे नागरिकों की निजता के अधिकार का भी अतिक्रमण होगा क्योंकि इसमें काफी सूचना ली जाएगी जैसे आधार, मोबाइल नम्बर और मतदाता पहचानपत्र, जिसके दुरुपयोग की आशंका है.