केरल की सरकारी वेबसाइट पर जाइए, www.dashboard.kerala.gov.in और आपको वो ख़बर मिलेगी, जो आपको आशा से भर सकती है। इस वेबसाइट पर केरल के ताज़ा कोरोना संक्रमण के आंकड़े हैं और इनको सही मानें तो केरल में अब कोरोना वायरस के संक्रमण के केवल 16 ही एक्टिव मामले बचे हैं। अभी न तो कोरोना की कोई वैक्सीन बनी है, न ही कोई खासतौर पर दवा विकसित हो सकी है – लेकिन इन आंकड़ों को सही मानें तो भारत में केरल, कोरोना पर जीत हासिल करने वाला पहला राज्य बनने वाला है।
केरल सरकार या केंद्र सरकार के आंकड़ों को सही मानें तो देश में सबसे पहले कोरोना के मामलों और साथ ही सबसे पहले इस पर काम करने वाले राज्य में बाकी राज्यों के उलट स्थिति है। जहां देश में ज़्यादातर राज्यों में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं, बल्कि गुजरात जैसे कथित विकसित राज्य में मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। वहीं केरल में मामले लगातार न केवल कम हुए हैं, बल्कि घट कर एक्टिव केस केवल 16 ही बचे हैं। 8 मई को केरल में केवल 1 ही नया मामला सामने आया, जबकि 10 लोग ठीक हो गए और 1 भी नई मौत नहीं हुई। जबकि सबसे ज़्यादा 39 कन्फर्म मामले 27 मार्च को आए थे।
ज़ाहिर है इससे तेज़ी से असर होना शुरु हुआ। सरकार को तेज़ी से हरकत में आते देखकर, लोगों में भी जागरुकता बढ़ी। अस्पतालों में भी शुरु से ही सक्रियता और सावधानी पर ध्यान दिया। जिससे मेडिकल स्टाफ के संक्रमण के भी कम ही मामले सामने आए। केरल का कोविड ग्राफ देखें तो समझ में आएगा कि जो ग्राफ, मार्च के अंत से अप्रैल के पहले 3 दिन ऊपर जाता लग रहा था – वो अचानक नीचे आने लगा। अब ये ग्राफ लगातार नीचे गिर कर, 0 की ओर जा रहा है। अगर केरल का प्रदर्शन ऐसा ही रहा, तो 10-15 दिन में केरल में एक्टिव केस एक भी नहीं रह जाएगा।