हांगकांग : जन विद्रोह के दबाव में प्रत्‍यर्पण बिल होगा वापस

हांगकांग प्रशासन द्वारा चीन प्रत्यपर्ण की अनुमति देने वाले विवादित बिल के खिलाफ हांगकांग के लोगों द्वारा 3 महीने से चल रहे जबरदस्त प्रदर्शन का असर दिखने लगा है. ‘साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट’ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि हांगकांग की नेता कैरी लैम अब इस बिल को औपचारिक रूप से वापस लेने पर योजना बना रही है. साउथ चाइना मोर्निंग पोस्ट हवाले से कहा गया है कि लैम ने आज शाम 4 बजे प्रदर्शनकारी लोकतंत्र समर्थक राजनेताओं की बैठक लिए बुलाया है.

गौरतलब है कि बिल की औपचारिक वापसी लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में से एक है, जिसके लिए वे बीते तीन महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.

लैम ने कहा है कि उन्होंने कभी भी बीजिंग से अपने इस्तीफा की बात नहीं कही है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चीन की आलोचना होने लगी. चीन इस प्रदर्शन से इतना डर गया था कि उसने सेना को हांगकांग में उतारने की भी धमकी दे डाली.

इस बीते सप्ताह के अंत में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच भयंकर हिंसा की झडपें हुई हैं जिसमें प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल बम फेंके, पुलिस ने करीब 1,100 ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आंसू गैस के गोले और काली मिर्च के स्प्रे दागे.

विवादित बिल वापिस लेने की खबर के बाद अख़बारों के ख़बरों के से पता चला है कि प्रॉपर्टी डिवेलपर्स के नेतृत्व में हांगकांग के शेयरों ने छलांग लगाई है. दोपहर स्थानीय समय 2:16 बजे तक बेंचमार्क हैंग सेंग इंडेक्स ने 3.1% की बढ़त हासिल कर 3.9% तक बढ़ गया.

Hong Kong shares jump, with property subgauge up most since 2015

बता दें कि हांगकांग प्रशासन द्वारा मुख्य भूमि चीन के साथ किसी भी आपराधिक मामले में हांगकांग के लोगों का चीन में प्रत्यर्पण के संधि के खिलाफ दस लाख से ज्यादा हांगकांग वासियों ने प्रदर्शन शुरू किया था. जिसके बाद से लगातार पुलिस और प्रदर्शकारियों के बीच हिंसक झड़पें होती रहीं. वहां का बाज़ार ठप पड़ने लगा, रेल, हवाई सेवा सब पर असर पड़ा. इस तरह से से हांगकांग बीजिंग के लिए सबसे बड़ा संकट बन कर खड़ा हो गया.

कल ही भारत में चीनी राजदूत सन वेइदोंग ने कहा कि हांगकांग हमारा आंतरिक मामला है. कुछ बाहरी ताकतें चीन के आंतरिक मामले में दखल दे रही हैं और हिंसक अपराधों को शांतिपूर्ण विरोध के रूप में जान-बूझकर पेश कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि हांगकांग का मामला चीन का आंतरिक मामला है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त एक तथ्य है. हांगकांग पर कोई संप्रभुता का मुद्दा नहीं है. हम किसी भी बाहरी ताकत को हांगकांग के मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देंगे.

इससे पहले चीन ने हांगकांग पर जी-7 देशों द्वारा जारी साझा बयान के प्रति असंतोष व्यक्त किया था. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने बीजिंग में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा था, “हांगकांग मामले में जी-7 नेताओं के बयान का हम पुरजोर विरोध करते हैं.”

शुआंग ने कहा था, “हम ये कई बार कह चुके हैं कि हांगकांग पूरी तरह चीन का आंतरिक मामला है. और किसी विदेशी सरकार, संगठन या फिर किसी व्यक्ति को इसमें हस्तक्षेप करने की जरुरत नहीं है.”

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