खत्म हुई अयोध्या पर सुनवाई, फैसला सुरक्षित, मीडिया कवरेज के लिए NBSA ने जारी किए निर्देश

राम जन्मभूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में 40 दिन से रोज़ाना हो रही सुनवाई आज समाप्त हो गयी और अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। इसके बाद संभावित तनाव के मद्देनज़र न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथाँरिटी (NBSA) ने एक एडवायज़री जारी करते हुए मीडिया को दिशानिर्देश दिया है कि वह अदालत के फैसले पर कोई अटकलबाज़ी न लगाये, बाबरी विध्वंस के फुटेज न चलाए, किसी भी तरह के उत्सव या जश्न का प्रसारण न करे और और चैनलों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी अतिवादी विचार वे अपनी बहसों में प्रसारित न होने दें।

सुप्रीम कोर्ट की मैराथन सुनवाई नाटकीय तरीके से अपने अंजाम तक पहुंची। इस ज़मीन विवाद में सुन्नी वक्फ़ बोर्ड संभवतः अपना मुकदमा वापस ले सकता है। इसके अलावा मध्यस्थता पैनल ने अदालत में एक और रिपोर्ट दाखिल की है जिसके बारे में कोई जानकारी नहीं है कि उसमें क्या है।

कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अगले तीन दिनों में सभी पक्षाें को राहत के लिए लिखित नोट दाखिल करने का वक्त दिया गया है। अपनी तय समय सीमा से घंटे भर पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनवाई पूरी कर ली।

सुनवाई के दौरान एक नाटकीय घटनाक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने हिंदू महासभा के वकील द्वारा जमा कराये गये कागज़ात को फाड़ दिया और बिना माफी मांगे कहा कि उन्होंने जज के कहने पर यह किया है।

इस बीच आखिरी दिन मीडिया की रिपोर्टों से सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को लेकर काफी भ्रम फैला है। कुछ मीडिया संस्थानों ने सुनवाई के आखिरी दिन रिपोर्ट किया कि सुन्नी वक्फ़ बोर्ड अपना दावा वापस लेने को तैयार है। कुछ और जगहों पर इस रिपोर्ट का खंडन आया जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी।

 

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