आज़मगढ़ में यूनानी डॉक्टरी की क्लीनिक चलाने वाले स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमि) के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉ. शाहिद बद्र फ़लाही कोके खिलाफ़ गुजरात पुलिस ने 18 साल पहले दर्ज एक मुकदमा खोल दिया है जिसके सिलसिले में उन्हें लेने पुलिस उनके घर पहुंची थी। शुक्रवार शाम फ़लाही को इस मामले में स्थानीय कोर्ट से ज़मानत मिल गयी लेकिन 13 सितंबर को उन्हें कच्छ की एक अदालत में पेश होना है।
डॉ. फ़लाही ने 2001 में भुज में एक कार्यक्रम में भाषण दिया था। इस सिलसिले में उनके ऊपर एफआइआर दर्ज कर ली गयी थी। इंडियन एक्सप्रेस में छपे उनके बयान के मुताबिक उन्हें इस केस की जानकारी ही नहीं थी। गुजरात पुलिस उन्हें जब लेने पहुंची तब उन्हें इसकी जानकारी हुई। मामला हेट स्पीच का है जिसमें भुज थाने में आइपीसी की धारा 353 और 143 के तहत उन पर एफआइआर दर्ज है।
गुरुवार शाम डॉ. फ़लाही को उनके आवास से गिरफ्तार किया गया और शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। गुजरात पुलिस उनकी ट्रांजिट रिमांड चाहती थी लेकिन मामला ज़मानती होने के कारण अदालत ने एक-एक लाख के दो निजी मुचलकों पर उन्हें बेल दे दी।
स्थानीय अदालत ने उन्हें कच्छ की अदालत में 13 सितंबर तक पेश होने का निर्देश दिया है। तब तक वे जिला पुलिस की निगरानी में ही रहेंगे।
एक्सप्रेस में डॉ. फ़लाही के बयान के मुताबिक उनके खिलाफ कुल सात मुकदमे दर्ज थे जिनमें चार मे वे बरी हो चुके हैं। फिलहाल दिल्ली, आज़मगढ़ और गोरखपुर में तीन केस लंबित हैं।