लोकतंत्र या डरपोकतंत्र ? जज की हत्या की आशंका से मीडिया ‘लघुशंका’ में !

हिंदी और अंग्रेज़ी कारोबारी मीडिया की आपराधिक चुप्पी के बावजूद जस्टिस बृजगोपाल लोया की संदिग्ध मौत का मसला दब नहीं पाएगा। जस्टिस लोया सीबीआई जज थे और सोहराबुद्दीन फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के शामिल होने के मामले में फ़ैसला देने वाले थे। पत्रिका की इस सनसनीख़ेज़ स्टोरी को मीडिया विजिल, जनचौक, स्क्रोल, द वायर समेत कुछ वेबसाइटें और एनडीटीवी लगातार फ़ालो कर रहे हैं। टीवी पत्रकारिता के ‘अपवाद कुमार’ यानी रवीश कुमार ने कल यानी 23 नवंबर को एनडीटीवी पर अपना प्राइम टाइम शो लगातार दूसरे दिन इसी मुद्दे पर किया। इस शो में दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस ए.पी.शाह ने इसे गंभीर मुद्दा मानते हुए  जाँच को ज़रूरी बताया। रवीश ने तमाम अहम सवालों को उठाते हुए एक तीखी टिप्पणी यह भी की कि यह चुप्पी लोकतंत्र को डरपोकतंत्र में बदल देगा।

इस शो को देखिए और ख़बर को शेयर करके फैलाइए ताकि मसला दबने न पाए और हत्यारे आज नहीं तो कल बेनक़ाब होकर रहें।

https://www.youtube.com/watch?v=Zr1B4nyeGSQ

First Published on:
Exit mobile version