रवीश कुमार
भारत से बाहर जाने वाले ही बता सकते हैं कि क्या पहले भारत के पासपोर्ट की इज्ज़त नहीं थी? और ये इज्ज़त होने का क्या मतलब है? क्या इस आधार पर लोगों को लौटा दिया जाता है? क्या आपको पता है कि शक्तिशाली पासपोर्ट वाले मुल्कों के मामले में भारत का स्थानी एशिया में आख़िर के तीन देशों में हैं।
मैंने कुछ दिन पहले फेसबुक पर पोस्ट किया था कि भारत के पासपोर्ट को च्यवनप्राश की ज़रूरत है। Henley Passport Index हर साल मुल्कों के पासपोर्ट की रैकिंग निकालता है। इसमें यह देखा जाता है कि आप किस देश का पासपोर्ट लेकर बिना वीज़ा के कितने देशों में जा सकते हैं।
जर्मनी का पासपोर्ट हो तो आप 177 देशों में बिना वीज़ा के जा सकते हैं। सिंगापुर का पासपोर्ट हो तो आप 176 देशों में बिना वीज़ा के जा सकते हैं।
एशिया के मुल्कों में सिंगापुर का स्थान पहले नंबर पर है। भारत एशिया के आखिरी तीन देशों में है। दुनिया में भारत के पासपोर्ट का स्थान 76 वें नंबर पर है। भारत का पासपोर्ट है तो आप मात्र 55 देशों में ही वीज़ा के बिना पहुंच सकते हैं।
फ़ैसला आपको करना है। प्रधानमंत्री का हर जवाब धारणा के आधार पर होता है। हम मानते हैं तो आप भी मान लीजिए। अजीब हाल है। जवाब सुनकर लगा कि आज से पहले भारत ही नहीं था। कोई नाम नहीं जानता था और कोई इज्ज़त नहीं करता था।
लेखक मशहूर टी.वी.पत्रकार हैं