अमेजन भारत मे बहुत तेजी के साथ पैर जमा रही है. कल हाउडी मोदी प्रोग्राम में मोदीजी ने सिंगल ब्रांड रिटेल में 100 प्रतिशत विदेशी पूंजी निवेश यानी एफडीआइ को एक बार फिर से आमंत्रित किया. लेकिन अमेजन जैसी बड़ी ई-कामर्स कंपनियों के लिए भारत मे वह पहले ही रास्ता साफ कर चुके हैं. कुछ दिनों पहले मोदी सरकार ने सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी कंपनियां फिजिकल आउटलेट से खोलने से पहले ऑनलाइन स्टोर शुरू करने की छूट दे दी और कहा कि जब पूरा धन्धा जम जाए तब 2 साल बाद फिजिकल स्टोर खोल लेना.
Sourcing relief for single-brand retail
(report by Suneera Tandon and @bsapam)
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— Mint (@livemint) August 29, 2019
पीएम मोदी ने सिंगल ब्रांड रिटेल में विदेशी कंपनियों के लिए 30% लोकल सोर्सिंग के नियम भी आसान कर दिए. पहले विदेशी रिटेलरों के लिए 30 फीसदी माल भारत के उद्यमियों से खरीदने की शर्त रखी गई थी, लेकिन अब इसका पालन करने के लिए उन्हें और पांच साल का वक्त दे दिया गया है.
अब निर्यात के लिए खरीद भी लोकल सोर्सिंग में शामिल मान ली गयी है कोई कंपनी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग के लिए भी लोकल सोर्सिंग करती है तो उसे भी 30 फीसदी की लिमिट में माना जाएगा. लोकल सोर्सिंग की समीक्षा साल दर साल नहीं बल्कि 5 साल में की जाएगी.
Modi government is said to consider ceding control of Bharat Petroleum, reports Bloomberg. pic.twitter.com/GTuISxt74e
— NDTV Profit (@NDTVProfitIndia) September 13, 2019
व्यापारियों की सबसे बड़ी संस्था कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने इस तरह की छूट का विरोध करते हुए कहा कि इससे लोकल स्टोर्स को नुकसान होगा. लेकिन उन्हें अब कौन पूछता है?
Confederation Of All India Traders Calls For Government Ban On Festive Season Sales Of Amazon, Flipkart https://t.co/x2rDAhMJ26 via @swarajyamag @praveendel @sumitagarwal_82 @BCBHARTIA @PiyushGoyal ,@DIPPGOI ,@CimGOI @PiyushGoyalOffc
— Confederation of All India Traders (CAIT) (@CAITIndia) September 14, 2019
हर साल की तरह अमेजन और फ्लिपकार्ट एक बार फिर दीवाली मेगा सेल लगा रही है. कैट इसका विरोध करता आया है. लेकिन किसी को कोई फर्क नही पड़ता!
आपको याद होगा कि 2015 में लगभग एक दर्जन से अधिक ई-कॉमर्स कंपनियों भारत में व्यापार कर रही थी. लेकिन अमेजन, फ्लिपकार्ट के बाद भारत के ई-कॉमर्स सेक्टर में छोटी कंपनियों पर संकट आ गया है.
Govt approves major FDI reforms. 100 %FDI under automatic route permitted in contract manufacturing permits manufacturer to sell products made in India through wholesale, retail & e commerce without Govt approval. #IndiaMeansBusiness pic.twitter.com/gOoTlk8zpL
— Western Railway (@WesternRly) August 28, 2019
पिछले कुछ वर्षों में शॉप क्लूज, क्राफ्ट्स विला, वूनिक, वूप्लर और एलनिक जैसी कई छोटी ऑनलाइन कंपनियां या तो अपना कारोबार बंद कर रही हैं या अपने बिजनस मॉडल में बदलाव कर रही हैं.
100% FDI under automatic route for single brand retail trading approved by Union Cabinet,100% FDI under automatic route in construction development also approved
— ANI (@ANI) January 10, 2018
टेलीकॉम सेक्टर की तरह ई-काॅमर्स में भी छोटी कंपनियों पर ताले लगने की नौबत आ गई है.अब भारत का बाजार पूरी तरह दो अमेरिकी कंपनियों के पास चला गया है.यानी देसी ई-कॉमर्स कंपनियों का सूर्य डूब चुका है. अब यह स्थिति एकाधिकार की है और एकाधिकार किसी भी स्थिति में ग्राहक के हित मे नही है.
सरकार और बड़ी कम्पनियों के यह गठजोड़ लोकतंत्र के लिए भविष्य में सबसे बड़ा खतरा साबित होगा.
Today Central government has approved 100% FDI under automatic route for Single Brand Retail Trading.
Watch PM Modi's views on FDI in retail when he was a CM. #ModiUTurnOnFDI pic.twitter.com/UKqUuXkaG6
— AAP (@AamAadmiParty) January 10, 2018
रिलायंस फ्रेश की तरह एमेजॉन इंडिया भी बेंगलूरु में एमेजॉन फ्रेश स्टोर शुरू कर रही हैं.अमेजन फ्रेश के जरिए अमेजन डॉट इन पर प्राइम मेंबरों को सिर्फ 49 रुपये में दो घंटे वाली डिलीवरी सेवा मिलेगी. सभी ग्राहकों को 600 रुपये से ज्यादा के ऑर्डर पर फ्री डिलीवरी दी जाएगी. वहीं, 600 रुपये से कम के ऑर्डरों के लिए 29 रुपये डिलीवरी चार्ज वसूला जाएगा.
अमेजन भारत के ई-कामर्स बाजार पर कब्जा करने जा रहा है.पिछले अगस्त में अमेज़न ने हैदराबाद में दुनिया का सबसे बड़े कैंपस खोला है. इसमें 18 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थल है और यह 30 लाख वर्गफुट क्षेत्र में बनी है.
इमारत में एफिल टावर से 2.5 गुना ज्यादा स्टील लगी है. कुल क्षेत्र के लिहाज से यह दुनिया में अमेजन की सबसे बड़ी इमारत है. कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह अमेरिका के बाहर अमेजन के स्वामित्व वाला यह एकमात्र परिसर है. इसमें 15,000 कर्मचारी काम करेंगे. भारत में अमेजन के कर्मचारियों की संख्या 62,000 तक पहुंच गई है.
Amazon opens its largest campus in the world in India, where it's battling Walmart for online shopping supremacy https://t.co/ySCoxzeyl8
— Bloomberg (@business) August 21, 2019
कुछ मूर्ख लोगों को यह बड़ी कम्पनियों का यह एकाधिकार अच्छा लगता है. लेकिन सच तो यह है कि आने वाले समय मे प्रतिस्पर्धा कम होने से ग्राहक को उचित दाम नहीं मिलेंगे. सबसे ज्यादा असर रोजगार और नए उद्यमियों पर पड़ेगा. ई-कॉमर्स में कई संभावनाएं थी,इसलिए इसमें बड़े पैमाने पर स्टार्टअप्स आए.अब यह बंद होते हैं तो युवा उद्यमियों की कमर टूट जाएगी. जबकि इन कंपनियों में काम कर रहे कर्मचारियों की नौकरियां भी जाएंगी.
बड़ी कंपनियां ऑटोमेशन पर काम करती हैं, इसलिए यहां रोजगार के अवसर कम होंगे. कुल मिलाकर नुकसान सिर्फ हमारे छोटे ओर मध्यम श्रेणी के व्यापारियों को ही होना है देश का होना है.