संजय कुमार सिंह
दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 22 और 23 सिंतबर को आयोजित, “नेशनल कनवेंशन अगेनस्ट असॉल्ट ऑन जर्नलिस्ट्स” के एक सत्र का संचालन करते हुए पत्रकार मित्र अनिल यादव ने कहा कि मीडिया और टीवी चैनलों ने देश में ऐसा हाल बना रखा है कि देखते-देखते चाचा और भाई हिन्दू हो गए। कटुओं को काट डालने की बात करने लगे। सत्र इस विषय पर नहीं था और एक वक्ता के अचानक पल्टी मार जाने के कारण पटरी पर से उतरता हुआ लग रहा था। उस माहौल में अनिल यादव की इस टिप्पणी पर हंसी भी आई और सत्र को वापस पटरी पर ले जाने में सहायता भी मिली। हालांकि अभी मुद्दा यह नहीं है।
अभी मैं यह बताना चाह रहा हूं कि देश में चल रहे और 2014 के चुनाव की तैयारियों के लिए खुली खबरों की फर्जी दुकानों ने कितना नुकसान किया है। पहले मेरा मानना रहा है कि भक्ति सरस्वती शिशु मंदिर जैसे स्कूलों में पढ़ने वालों में ही आई होगी। पर बाद में पता चला कि मेरे साथ मेरे ही क्लास में पढ़े लड़कों में भी बहुत सारे भक्त है। स्कूल के साथियों में तो हैं ही और पत्रकार मित्र चाहे मेरी उम्र के हों या बेटे की उम्र के – वो दिल्ली के हों या जमशेदपुर के उनमें भी बहुत भक्त हैं। ऐसे में जब अनिल यादव ने अपना दर्द बताया तो लगने लगा कि वाकई मामला गंभीर है।
आज मेरे स्कूल के मेरे साथ पढ़े दो मित्रों ने यह कलाकारी फार्वार्ड की है। स्कूल के ग्रुप में। मतलब ग्रुप का ही मैसेज नहीं पढ़ते। फार्वार्ड करने में लगे हैं। “आज का ज्ञान” – शीर्षक से तैयार की गई यह आकर्षक प्रचार सामग्री मोदी जी से 15 लाख रुपए मांगने वालों के लिए है। आपको याद होगा कि चुनाव से पहले नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि विदेशों में भारत का इतना काल धन रखा है कि उसे वापस ले आया जाए तो हर व्यक्ति को 15 लाख मिलेंगे। बाद में अमित शाह ने इसे जुमला कह दिया औऱ भक्त कहने लगे कि मोदी जी के कहे का वीडियो कहां है? ऐसे, जैसे जिसका वीडियो है वो सब हो ही चुका है। देश को साढ़े चाल साल में ये भी नहीं पता चला या बताया गया या बताने की जरूरत समझी गई कि विदेश में रखा काल धन वापस लाने के लिए क्या किया जा रहा है या कुछ किया भी जा रहा है कि नहीं।
ज्ञान यह दिया जा रहा है कि आयुष्मान बीमा पांच लाख रुपए का मिल गया। एक तो यह सब के लिए नहीं है। सिर्फ गरीबों के लिए है। 15 लाख सबको मिलने थे। 5 लाख के बीमा का मतलब यह नहीं होता है कि पांच लाख मिल गए – मिले तो प्रीमियम के पैसे भी नहीं है और वह सरकार देगी। किसे, कब क्या लेकर किस शर्त पर कोई नहीं जानता। दूसरे, जरूरत अस्पताल बनाने की है तो सरकार बीमा करा रही है वह भी एक लाख रुपए प्रति व्यक्ति अधिकतम। एक लाख रुपए में क्या इलाज होगा यह अंदाजा अगर भक्तों को नहीं है तो बताने से भी समझ में नहीं आयेगा। इसके अलावा, खबर यह है कि इस योजना के लिए सरकार ने अभी 2,000 करोड़ रुपए रखे हैं और इसमें 10 करोड़ लोगों का बीमा होना है। इस हिसाब से अधिकतम 200 रुपए प्रति व्यक्ति सरकार ने दिए हैं और इसे पांच लाख बताया जा रहा है।
अब इसे बनाने वाली फैक्ट्री के बारे में। इसपर ऊपर दाईं ओर बनाने वाली कंपनी का नाम भी लिखा है – दि इंडिया आई। शायद, इसलिए कि उसे श्रेय मिले पर फॉर्वार्ड करने वालों को पता भी नहीं है कि उनके फॉर्वार्ड करने से गुजरात में एक जैन साब की दुकान चल रही है। पूरे कारोबार का 53 प्रतिशत सरकार दे रही है, करोड़ों कमा रहे हैं आदि। आल्ट न्यूज में विस्तार में आप यह देख सकते हैं। यह कनेक्शन स्थापित करने में कम मेहनत नहीं लगी है।
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ऑल्ट न्यूज़ का खुलासा: फर्जी खबर फ़ैलाने वाला फेसबुक पेज ‘द इंडिया आई’ और इसका गुजरात से संबंध
लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।