”जब पी.आर किया तो डरना क्या”
मध्यप्रदेश के तमाम पत्ररकारों का अब यही नारा है। यही वजह है कि 40 क़त्ल वाले व्यापम यज्ञ के बावजूद मीडिया में कभी मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के ख़िलाफ़ वैसी निशानेबाज़ी नहीं दिखती जैसे कि दिल्ली के छोटे से छोटे मामले में दिखती है। कारावाँ पत्रिका के ताज़ा अंक में एक दिलचस्प स्टोरी छपी है जो बताती है कि शिवराज चौहान पत्रकारों को साधने में किस कदर उस्ताद हैं। उनकी सरकार ने 300 से ज़्यादा पत्रकारों के दो आवासीय समितियों को 60 रुपये वर्गफुट कीमत पर रिहायशी ज़मीन दे दी। तर्क यह बना कि ऐसा ही उदारता जजों की समति पर दिखाई गई थी…! पढ़िये यह रिपोर्ट–
”कारवाँ” के जून अंक में आने वाली कवर स्टोरी के लिए हम मध्यप्रदेश में रिपोर्टिंग कर रहे थे। तब राजस्व विभाग के एक पूर्व अधिकारी ने हमसे कहा, ‘इस सूबे में पत्रकार सबसे दुलरुआ हैं।’
उसी दौरान दो और समितियों को कम दाम पर ज़मीनें लीज़ पर दी गईं थीं। दोनों समितियां पत्रकारों ने बनाई थीं। जजों की समिति के लिए आवंटित ज़मीन की लीज़ को राज्य की कैबिनेट ने 2008 में पास कर दिया था। वहीं राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति को 11.6 एकड़ ज़मीन भोपाल एयरपोर्ट के पास दी गई और अभिव्यक्ति गृह निर्माण सहकारी समिति को बावड़िया कलां एरिया में 6.3 एकड़ ज़मीन दी गई। (राजस्व विभाग के मुताबिक उस समय बावड़िया कलां में रिहाइशी कॉलोनी के लिए ज़मीन की तय कीमत 3 हज़ार रुपए प्रति स्क्वायर मीटर थी।)
इन दोनों मामलों में प्रशासनिक प्रक्रिया उसी तरह ताक पर रखी गई जैसे जजों की समिति के मामले में किया गया था। फरवरी 2009 में अभिव्यक्ति सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने राजस्व विभाग को चिट्ठी लिखकर जजों की समिति का हवाला देकर याद भी दिलाया कि उनकी समिति के साथ भी वैसा ही व्यव्हार किया जाए।
पत्रकारों की इन दोनों समितियों में लगभग 300 नाम शामिल हैं। अभिव्यक्ति समिति की मार्च 2012 की लिस्ट के मुताबिक तब इसमें 99 सदस्य थे जबकि सितंबर 2013 की लिस्ट के मुताबिक राजधानी पत्रकार समिति में 208 सदस्य थे। दो पत्रकार ऐसे भी थे जिनके नाम इन दोनों समितियों में थे। इन दोनों लिस्ट में शामिल पत्रकार राष्ट्रीय मीडिया में काम करने वाले या उन संस्थानों में कंट्रीब्यूट करने वाले हैं। इनमें द टेलिग्राफ के रशीद किदवई, टाइम्स नाऊ के हेमेंद्र शर्मा, ज़ी टीवी के आशुतोष गुप्ता, इंडियन एक्सप्रेस के मिलिंद घटवाई, पहले एनडीटीवी और अब डेलियो में कुमार शक्ति शेखर, मृगेंद्र सिंह भोपाल दैनिक जागरण के संपादक, पंजाब केसरी से जुड़े रहे मनीष शर्मा, न्यू़ज़ 24 के प्रवीण दुबे, इंडो एशियन न्यूज़ सर्विस के संदीप पुराणिक, एबीपी न्यूज़ के बृजेश राजपूत, द वीक के दीपक तिवारी, आउटलुक और अग्निबाण में रह चुके राजेश सिरोठिया, आईबीएन-7 के मनोज कुमार शर्मा और इंडिया न्यूज़ की दिप्ती चौरसिया शामिल हैं। दो पत्रकार जिनके नाम दोनों समितियों में मिले, वो स्वदेश अख़बार के मालिक और संपादक राजेंद्र शर्मा और इंडिया टुडे के शुरैह नियाज़ी हैं।
अभिव्यक्ति सोसायटी में दैनिक जागरण समूह के परिवार के राजीव मोहन गुप्ता भी शामिल हैं। गुप्ता भोपाल के सबसे पॉश इलाक़ो में से एक 74 बंग्ला में रहते हैं। इनका परिवार भोपाल में एक एस्टेट का मालिक है जहां 2010 में बॉलिवुड की फिल्म राजनीति की शूटिंग का सेट सजाया गया था।
स्टोरी में पक्ष शामिल करने के लिए हमने लिस्ट में शामिल सभी पत्रकारों से संपर्क किया। इंडिया टुडे के शुरैह नियाज़ी ने कहा कि वो पहले दोनों समितियों के सदस्य थे लेकिन दावा किया कि अब एक में भी नहीं हैं। स्वदेश अख़बार के मालिक राजेंद्र शर्मा ने सीधे खारिज कर दिया कि वह किसी समिति के सदस्य हैं। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसे किसी भी दस्तावेज़ में उनका नाम है, तो वह फर्ज़ी है। रशीद क़िदवई ने कहा कि वो समिति के सदस्य तब थे जब उनके पास कोई प्रॉपर्टी नहीं थी लेकिन घर ख़रीदने के बाद वो अपनी सदस्यता रद्द करने के बारे में सोच रहे हैं। मिलिंद घिटवाई ने कहा कि वो बेशक़ सदस्य हैं लेकिन ज़मीन नहीं लेंगे। आशुतोष गुप्ता ने फोन काटने से पहले सिर्फ इतना कहा कि ‘आपके पास गलत जानकारी है।’ इनके अलावा सभी ने माना कि वो समितियों के सदस्य हैं।
हम अभिव्यक्ति समिति के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता से मिलने उनके ऑफिस पत्रकार कॉलोनी गए। गुप्ता नाटे क़द के हैं। उनके सिर पर बाल नहीं है, चश्मा लगाते हैं और तोंद निकली हुई है। वो एक मंथली मैग्ज़ीन पॉवर गैलरी निकालते हैं। मैग्ज़ीन खंगालने पर हमें उनके अलावा किसी दूसरे पत्रकार की बायलाइन नहीं मिलती। आधे घंटे की बातचीत के दौरान हमने उनसे पत्रकारिय एथिक्स से जुड़े सवाल किए। उनके पूछा गया कि क्या इससे हितों का टकराव नहीं हो रहा? मगर जवाब की बजाय उन्होंने एक बार तो लगभग अपना आपा ही खो दिया। उनके ज़्यादातर जवाब ऑफ द रिकॉर्ड थे।
राजधानी समिति के अध्यक्ष नई दुनिया अख़बार के विशेष संवाददाता केडी शर्मा हैं। उन्होंने हमें अपने घर तुलसी नगर बुलाया। पहुंचते ही हमारा अभिवादन किया गया। उन्होंने एक टी-शर्ट पहन रखी थी जिसपर लिखा था ‘PR किया तो डरना क्या?’
शर्मा ने इस मुद्दे पर लंबी बात की लेकिन किसी तरह की रियायत दिए जाने का आरोप ख़ारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘सोसायटी बनाने का विचार 2007 में तब आया जब सरकारी आवासों में रह रहे ग़ैर-सरकारी लोगों से उसे खाली करने के लिए कहा गया। तब कई सारे पत्रकार भी इन सरकारी आवासों में रह रहे थे। मध्यप्रदेश प्रदेश देश के उन राज्यों में से है जहां सभी पत्रकारों का ख्याल रखा जाता है। यह एक परंपरा है जिसे 1980 से 1985 तक और 1988, 1989 में राज्य के सीएम रहे अर्जुन सिंह ने शुरू की थी। 2007 में कुछ पत्रकार सीएम शिवराज सिंह से मिले थे। मुलाक़ात की टाइमिंग अच्छी थी। अगले साल चुनाव होने वाले थे और सरकार ख़ुश थी, इसलिए उसने प्रेस पर कृपा कर दी।’
हमने शर्मा से भी पत्रकारिता के एथिक्स से जुड़े वही सवाल किए जो गुप्ता से किए थे। जवाब में उन्होंने कहा, मुमकिन है कि हितों का टकराव होता हो बशर्ते अगर इस पहलू पर ग़ौर किया जाए तो। इसके बाद उन्होंने कहा कि लेकिन राज्य में इसकी परंपरा है। उन्होंने जो़र देते हुए कहा, ‘परंपरा है।’
दोनों समितियों में शामिल पत्रकारों के नाम——-
अभिव्यक्ति गृह निर्माण सहकारी समिति (मार्च 2012)
Lalit Shastri
Rajesh Chaturvedi
Umesh Trivedi
Abhilash Khandekar
Arun Patel
Rishi Pandey
Raghvendra Singh
Amita Kumar
Arun Dixit
Deshdeep Saxena
Rajesh Sirothiya
Renu Pathak
Rajendra Dhanotiya
Prakash Pillai
Dinesh Gupta
KS Sawhney
Brijesh Rajput
Rashid Kidwai
Ranjan Srivastav
Anil Dube
Sunil Shukla
Deepak Tiwari
Sureh Niyaji
Prakash Tiwari
Rakesh Agnihotri
Bhagwan Upadhyay
Vedvrat Giri
Rajesh Dube
Prakash Bhatnagar
Manoj Kumar Sharma
Anurag Upadhyay
Shivanurag Pateria
Rajesh Pandey
SP Tripathi
“Sanjeev Sreevastava
Vikas Tiwari
Satish Eliya
Ashish Dube
Girish Sharma
Rajendra Sharma
Dipesh Avasthi
Dinesh Nigam Tyangi
Nirmal Singh Bas
Kumar Shakti Shekhar
Prabhu Mishra
Mrigendra Singh
Rajkumar Keshwani
“Shamsur Rahman
Sunil Gupta
Anil Sharma
Dhananjaypratap Singh
Ravinder Kelasiya
Sudhir Nigam
Aadesh Pratap Bhadauriya
Narpat Singh Bhadauriya
Ramkrishna Yaduvanshi
Dharmendra Pegwar
Chandrabhan Saxena
Santosh Chaudhury
Brijesh Choukse
Umesh Nigam
Shashi Shekhar
Ravi Khare
Jagdish Dwivedi
Ragini Trivedi
Prabhu Pateria
Anoop Dutta
Manish Dixit
Rakesh Dixit
Ajay Bokil
Sanjay Kaushik
Dipiti Chaurasiya
Ambrish Mishra
Rani Sharma
Vinita Srivastav
Ajit Singh
Nitin Tripathi
Muktesh Rawat
Sunil Sharma
Hemendra Sharma
Avadhesh Bajaj
Sanjeev Jain
Bhupendra Nigam
Praveen Sharma
Rajiv Soni
Faisal Mohammad Ali
Jaydeep Singh
Ajay Tripathi
Sikandar Ahmed
Milind Ghitvai
Manoj Purohit
Yogesh Saxena
Nasser Kamal
Shiv Kumar Sharma
Rajesh Upadhyay
Amit Kumar Jain
Mukta Pathak
Sushil Nahar
Shravan Garg
राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति (सिबंतर 2013)
Suchandna Gupta
Vijay Das
Vishwas Tiwari
Surendra Tiwari
Astha Ahuja (Gulati)
Apoorv Tiwari
Rajendra Tiwari
Anil Khanna
Kailash Gaud
Praveen Kumar Tiwari
Semuvel Mathai
Neeraj Kushwaha
Rajeev Nema
Ritesh Kondle
Archana Gupta
Sanjeev Gautam
Arti Sharma
Anad Prakash Shukla
Govind Shankar Shrivastava
Ramesh Sharma
Rajkumar Kala
Virendra Sinha
Omprakash Mehta
Aatmdeep
Jamaluddin Ahmed
Premnarayan Premi
Pankaj Pathak
Alok Kumar Rai
Prem Pagare
Sunil Gautam
Majid Hussain
Pushpendra Shastri
Shweta Pandya (Sinha)
Bharat Shastri
Krishnkant Agnihotri
Prawal Saxena
Sanjeev Shrivastava
Anurag Shukala
Gopikrishn Balwani
Sudheer Saxena
Akhilesh Awasthi
Chandrahas Shukla
Chandulal Jain
Sunil Kumar Tiwari
Dinesh Sharma
Uma Bhargav
Shakeel Khan
Devdutt Dubey
KD Sharma
Aparna Rai
Rohit Mehta
Sameer Verma
Sanjay Bhargav
Shanta Pathak
Shriprakash Dixit
Manoj Kumar Mishra
Shariq Noor
Sudha Bhardwaj
Shankarlal Sabu
Anjani Kumar Jha
Shefali
Nukhil Suryavanshi
Tripti Verma
Rajendra Shrivastav
Anil Bihari Shrivastava
Ravi Sawla
Deepak Dwivedi
Shashin Rai
Harsha Makode
Ashok Manvani
Ravi Upadhyaya
Yogendra Kumar Shukla
Varun Kumar Dixit
Hamid Hussain
Mahesh Prasad Dubey
Shobha Sakalle
RC Sahu
Sudhir K Singh
Arun Tiwari
Somdutt Shastri
Pawan Preet Singh Saluja
Ravindra Jain
Sandeep Pouranik
Amrish Hardeniya
Salil Mekad
Vinod Khujneri
Dileep Sharma
Sumit Sharma
Ashish Parashar
Kailash Narayan Sharma
Vinod Tiwari
Shamshul Hassan Arif
Manish Gautam
Atul Purohit
Dinesh Nigam
Karishma Sharma
Sunil Singh
Ramesh Agarwal
Ravi Awasthi
Manishkant Jain
Vijaya Pathak
Nilofar Naz
Ashok Gautam
Ajay Muley
Muslim Salim
Amitabh Pandey
Naveen Joshi
Sanjay Prakash Sharma
Subodh Agnihotri
Sanjay Chaturvedi
Indrajeet Maurya
Mahesh Kumar Sahu
Rakesh Singhai
Mahendra Sharma
Anajana Anil Sadhak
Ashish Kurl
Dilip Malwiya
Ajay Gyanchandani
Rayisa Malik
Yashpal Sharma
Rajkumari Chotrani
Jagdish Gyanchandani
Ravi Dubey
Shridharan Pillai
Dharmendra Singh Thakur
Atul Kumar Pathak
Ashutosh Gupta
Purnendu Shukla
Dinesh Chandra Joshi
Nasreen Hussain
Shahid Hussain
Hitesh Thakkar
Harimohan Modi
Arvind Shile
Kamar Ashfaq
Ashish Sharma
Chandrashekhar Bargal
Tribhuvan Sharma
Koushal Verma
Ganesh Pandey
Shravan Verma
Vikas Sharma
Lilesh Satankar
Manish Sharma
Sarman Nagele
Adheer Saxena
Shishir Upadhyaya
Sitaram Thakur
Bharat Patel
Santosh Sharma
Keshavraj Pandey
Yogesh Joshi
Neelam Kumar Tiwari
Santosh Kumar Singh
Sandeep Khare
Virendra Kumar Vishvakarma
Heeranand Lalwani
Rajesh Bhatiya
Deepa Gyanchandani
Vishvakarma Das
Praveen Dubey
RMP Singh
Mukesh Lalwani
Anupam Shukla
Ajay Verma
Sharad Kumar Deshmukh
Radhavallabh Sharda
Ayush Jain
Heera Lal Vyas
Rajendra Sharma
LN Sheetal
Manish Shrivastava
Sanat Kumar Jain
Shureh Niyaji
Saurabh Jain
Vendict David
Jakir Ali
Rajesh Vishwakarma
Pradeep Gupta Palli
Sunil Tiwari
Sandeep Bhammarkar
Akshat Sharma
Rambhuvan Singh Kushwaha
Suresh Sharma
Suryakant Chaturvedi
Brajesh Dwivedi
Brij Kishore Sharma
Anil Singh Kushwaha
Aasim Ali
Rajendra Prashar
Krishnakumar Jha
Anirudh Tiwari
Ashutosh Verma
Suneet Saxena
Vijay Singh
Dinesh Sharma
Rahul Singh
Manoj Seni
Chandrakant Daud
Astha Lanjewar
Sumeet Maheshwari
Purshotam Sodani
Ravindra Soni
Rupesh Gupta
Rajesh Kumar Singh
Pradeep Manekar
Chandra Prakash Shivhare
Rajeev Mohan Gupta
(कारवाँ पत्रिका की यह स्टोरी उनके संवाददाता अतुल दवे और कोबरा पोस्ट पोर्टल के पत्रकार मुहम्मद हिज़बुल्लाह ने साथ मिलकर की है।)