Reporters Without Borders (RWB) ने 2017 के विश्व प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत को 136वें स्थान पर रखा है। पहले यह 133वें स्थान पर था। शर्मिंदिगी की बात यह है कि चाड जैसे अफ़्रीकी देश भी इस मामले में भारत से बेहतर हैं। हाँ, पाकिस्तान से मुक़ाबले को ‘राष्ट्रवाद’ कहने वाले ज़रूर ख़ुश हो सकेत हैं। पाकिस्तान को इस इंडेक्स में 139वां स्थान मिला है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की “राष्ट्रवादी” सरकार और कट्टर हिंदुत्ववादियों ने मीडिया के लिए काम करना मुश्किल कर दिया है।
रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स, एक नॉनप्राफ़िट एनजीओ है जिसका मुख्यालय पेरिस में है। यह संगठन प्रेस की आज़ादी, सेंसरशिप, पत्रकारों पर हमले जैसे मामलों की निगरानी करता है और प्रेस की आज़ादी के पक्ष में माहौल बनाता है।
बहरहाल, ताज़ा सूचकांक में पहले स्थान पर नार्वे है। प्रेस की आज़ादी के लिहाज़ से बेहतर देशों की सूची में इसके बाद स्वीडन, फ़िनलैंड, डेनमार्क, नीदरलैंड, कोस्टा रिका, स्विटज़रलैंड, जमैका,बेल्जियम और आइसलैंड का क्रमश: स्थान है। यानी पहले दस नंबर में दुनिया के तमाम बड़े लोकतांत्रिक देशों का नाम नहीं है।
क्रांति का देश फ्राँस 39वें, लोकतंत्र की अम्मा कहे जाने वाला इंग्लैंड 40वें और सबसे पुराने लोकतंत्र का तमग़ा लगाकर घूमने वाला अमेरिका 43वें स्थान पर है। प्राचीन भारत में गणतंत्र खोजनेवाला और दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र भारत 136वें नंबर पर है।
रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स की इर रिपोर्ट में और क्या-क्या है, आप यहाँ पढ़ सकते हैं।