दिवाली आते ही प्रदूषण को लेकर चिंता बढ़ने लगी है और पटाखे न जलाने की सलाह दी जाती है। इस बार भी हाल कुछ ऐसा ही है, लेकिन इस बीच इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने नया फैसला दिया है, जिसमे कोर्ट ने कहा है कि पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए पश्चिम बंगाल में त्योहारों के दौरान ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल को इजाजत दे दी है।
जो पॉल्यूशन नहीं फैलाते उन्हीं पटाखों पर प्रतिबंध नही..
आपको बता दें कि दिल्ली समेत कई राज्यों और उनके शहरों में पटाखों पर रोक लगा दी गई है। अब कोर्ट का यह फैसला लोगो की दिवाली में एक बार फिर रोशनी ले आया है। हालांकि कोर्ट ने उन्हीं पटाखों को इस्तेमाल करने का ऑर्डर दिया है जो पॉल्यूशन नहीं फैलाते हैं, यानी त्योहारों में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल किया जा सकता है। उन पर बैन नहीं लगाया जा सकता है।
सभी तरह के पटाखों पर बैन नहीं लगा सकते..
आपको बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस बार दिवाली और अन्य पूजा कार्यक्रम में पटाखों पर पूरी तरह से बैन करने का आदेश दिया था। कलकत्ता हाईकोर्ट के इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट के इसी आदेश पर कहा कि सभी तरह के पटाखों पर बैन नहीं लगा सकते हैं। इस टिप्पणी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट ले आदेश को पलट दिया।
प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री न हो..
हालांकि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी ने पश्चिम बंगाल सरकार से कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रतिबंधित पटाखों की बिक्री न हो। साथ ही ऐसी सामग्री का राज्य में प्रवेश बंद किया जाए। कोर्ट ने कहा कि राज्यों के पास ग्रीन पटाखों की पहचान करने और हानिकारक पटाखों को रोकने के लिए एक तंत्र है। इसे और मजबूत करने की जरूरत है।