नारायणमूर्ति ने कहा कि आज़ादी के बाद सबसे बुरी आर्थिक गिरावट, राहुल बोले-मोदी है तो मुमकिन है !

इन्फोसिस जैसी दुनिया भर में साख रखने वाली भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी इन्फ़ोसिस के संस्थापक एन.आर.नारायणमूर्ति ने देश की आर्थिक स्थिति पर गंभीर चिंता जतायी है। उन्होंने आशंका जतायी है कि इस वित्त वर्ष में देश की आर्थिक गति आज़ादि के बाद सबसे ख़राब स्थिति में होगी।

बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपे एक लेख में नारायण मूर्ति ने कहा है कि देश की अर्थव्यवस्था को जल्द से जल्द पटरी पर लाने की जरूरत है और एक ऐसी नयी प्रणाली विकसित की जाये जिसमें कारोबारियों को पूरी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति हो। उन्होंने कहा है कि जीडीपी में कम से कम पाँच फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है जो आज़ादी के बाद सबसे बुरी स्थिति होगी।

नारायणमूर्ति ने कहा है कि पूरी दुनिया में अर्थव्यवस्था की हालत खराब है। वैश्विक जीडीपी में पांच से दस फीसदी गिरने की आशंका है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन लगने के पहले दिन से उनका विचार रहा है कि लोगों को कोरोना के साथ जीने के लिए तैयार होना चाहिए।

नारायणमूर्ति जैसे साखवाले कारोबारी की इस चिंता पर राहुल गाँधी ने सहमति जताते हुए सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा-मोदी है तो मुमकिन है-

 

 

राहुल गाँधी लगातार आर्थिक बदहाली का मसला उठाते हुए मोदी सरकार के कामकाज पर सवाल उठाते रहे हैं। जाहिर है, नारायणमूर्ति की चिंताओं से उनकी बात को बल मिला है। इसके पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी आर्थिक स्थिति का सवाल उठा चुके हैं। उन्होंने इस बात की आलोचना की है कि सरकार लोगों की जेब में नकदी डालने का इंतज़ाम नहीं कर रही है जिससे की मांग में इज़ाफ़ा हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा था कि आर्थिक बदहाली, सरकार की असंवेदनशीलता की वजह से मानवीय त्रासदी में तब्दील हो गयी है.

वैसे, रिजर्व बैंक के गवर्नर भी जीडीपी मे कमी की आशंका जता चुके हैं। सबकी नजर मोदी सरकार पर है, पर सरकार की नज़र कहाँ है, कहना मुश्किल है।



 

First Published on:
Exit mobile version