फ्रेंच अखबार लेमोंदे ने बताया है कि फ्रेंच सरकार ने भारत के उद्योगपति अनिल अम्बानी का 143.7 करोड़ यूरो यानि लगभग ग्यारह हज़ार करोड़ रुपया टैक्स माफ़ इसी शर्त पर किया था कि भारत सरकार 36 राफेल को 128 राफेल के कुल दाम में खरीदेगी और साथ में इस पर टैक्स जुड़ेगा। इसीलिए राफेल की कीमत तीन गुना बढ़ गयी।
इस खोजी रिपोर्ट के अनुसार अनिल अम्बानी की एक टेलिकॉम कंपनी फ्रांस में रजिस्टर्ड है और 2007 से 2012 के बीच उसकी जांच की गयी थी जिसमें कुल 153 करोड़ यूरो की चोरी पकड़ी थी जिस पर अम्बानी ने सत्तर लाख यूरो देने का प्रस्ताव दिया था, पर उस वक़्त वहां सरकार ने नहीं माना और 2015 तक मामला खिंचता रहा। बाद में जब राफेल डील हुई तो इसका सेटलमेंट किया गया और फ्रेंच सरकार ने सत्तर लाख यूरो लेकर मामला निपटा दिया।
फ्रांस में इस मामले का खुलासा होने के बाद वहां की आर्थिक अपराध शाखा और प्रवर्तन शाखा स्वतंत्र जांच करेगी और इसमें होल्लान्दे और वर्तमान राष्ट्रपति दोनों के फंसने के चांस है |
अनिल अंबानी भारत में डसॉल्ट एविएशन के 36 फ्रांसीसी लड़ाकू विमानों की बिक्री के मुख्य लाभार्थियों में से एक हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी हैं। फ्रांस में भ्रष्टाचार विरोधी एनजीओ शेरपा ने 26 अक्टूबर, 2018 को राष्ट्रीय वित्तीय कार्यालय (पीएनएफ) के साथ इस लेनदेन के मामले में भ्रष्टाचार की जांच शुरू करने का अनुरोध करने के लिए एक शिकायत दर्ज करायी थी।