चर्चित टी.वी.पत्रकार विनोद दुआ पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जाँच सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आफ़ताब आलम की अध्यक्षता में बनी पाँच सदस्यी एकस्टर्नल कमेटी करेगी। समाचार वेबसाइट द वायर के मुताबिक इस कमेटी में जस्टिस आलम के अलावा पटना हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस अंजना प्रकाश, दिल्ली युनिवर्सिटी की पूर्व प्रोफेसर नीरा चंडोक, इंस्टीट्यूट ऑफ़ इकोनॉमिक ग्रोथ की पूर्व प्रोफेसर प्रैट्रिशिय ओबेराय और पूर्व विदेश सचिव सुजाता सिंह शामिल होंगी।
मीटू अभियान के तहत फ़िल्मकार निष्ठा जैन ने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये आरोप लगाया था कि दुआ ने 1989 में उनके साथ गाड़ी में ज़बरदस्ती करने की कोशिश की थी। द वायर का कहना है कि चूँकि तब न यह वेबसाइट थी और न ही दुआ से उसका कोई रिश्ता था, इसलिए जाँच के लिए एक बाहरी कमेटी बनाई गई है। विनोद दुआ ने 16 अक्टूबर को वायर पर पेश किए गए अपने कार्यक्रम जन मन की बात में इस आरोप का ज़िक्र किया था और कार्यक्रम को जाँच रिपोर्ट आ जाने तक स्थगित करने का ऐलान किया था। हालाँकि ऐसा करते हुए उन्होंने ख़ुद को निर्दोष बताते हुए जिस भाषा और अंदाज़ का इस्तेमाल किया था, उस पर कई सवाल उठे थे। बाद में द वायर ने इस एपीसोड को वेबसाइट से हटा दिया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय की गयी विशाखा गाइडलाइंस के अनुसार संस्थानों में यौन उत्पीड़न की जाँच के लिए इन्टर्नल कम्प्लेन कमेटी (ICC) होनी चाहिए। इसमें किसी महिला और बाहरी विशेषज्ञ का होना ज़रूरी है।
द वायर के संस्थापक सिद्धार्थ वरदराजन, सिद्धार्थ भाटिया और एमके वेणु की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि निष्ठा जैन ने 18 अक्टूबर को मामले की आधिकारिक शिकायत करने को लेकर हामी भरी। जैन 26 अक्टूबर तक अपनी लिखित शिकायत एक्सटर्नल कमेटी को सौंपेंगी। विनोद दुआ भी कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने को तैयार हैं।
द वायर ने यह भी कहा है कि जब तक मामले की जाँच पूरी नहीं हो जाती विनोद दुआ या निष्ठा जैन का कोई भी बयान वेबसाइट पर प्रकाशित नहीं किया जाएगा।
#MeToo: पत्रकार विनोद दुआ भी आए लपेटे में, फिल्मकार निष्ठा जैन ने लगाया उत्पीड़न का आरोप