ऑक्सीजन की कमी का माखौल उड़ाने और अनुलोम विलोम के ज़रिये ये कमी पूरा करने का दावा करने वाले बाबा रामदेव के एक वायरल वीडियो पर चिकित्सक समुदाय में बेहद नाराज़गी है। उन्होंने बाबा रामदेव के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की माँग की है।
दिल्ली एम्स के रेज़ीडेंट्स डॉक्टर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ.हरजीत सिंह भट्टी ने रामदेव के बयान को भ्रमित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा है कि आख़िर रामदेव के ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। डॉ.भट्टी ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए पीएम मोदी और स्वास्थ्यमंत्री डा.हर्षवर्धन को टैग गिया है।
Ramdev spreading deadly misinformation about O2 saturation, role of yoga in severe covid19 & also mocking common people’s sufferings due to shortage of O2 & hospital beds. He is not afraid of govt or epidemic act. Why there is no action against him? @narendramodi @drharshvardhan pic.twitter.com/3bKn5vIN1d
— Harjit Singh Bhatti (@DrHarjitBhatti) May 7, 2021
इसमें शक़ नहीं कि सामान्य दिनों में किसी भी व्यक्ति को योग से फ़ायदा होता है। लेकिन अगर किसी मरीज़ का आक्सीजन लेवल गिर गया हो तो अनुलोम विलोम इसका इलाज नहीं है, क्योंकि उसके फेफड़े में इतनी ताक़त ही नहीं होती कि वह प्राणायाम कर सके। वीडियो में बाबा का नाक के दोनों छेद को सिलेंडर और हथेलियों को नर्स बताना, साबित करता है कि हज़ारों लोगों की ऑक्सीजन से हुई मौतों का उन्हें कोई अफ़सोस नहीं।
वैसे, भगवा ब्रिगेड जिस तर वैज्ञानिक चुनौतियों का सामना करने का उपाय कर रही है वह पूरी दुनिया में हँसी का विषय है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पिछले दिनों कहा था कि कुंभ में गंगा स्नान करने से कोरोना भाग जायेगा। गंगाजल में ऐसी ताक़त है। वहीं, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमान मंदिर में 51 मास्क चढ़ाकर कोरोना रोकते देखे गये।
बाबा रामदेव ने इसके पहले पतंजलि की कोरोनिल को कोरोना की दवा कहके प्रचारित किया था। इसके लोकार्पण के दौरान देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद थे। कोरोनिल को विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्रमाणित होने का फ़र्ज़ी दावा भी किया गया था। इसे लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने डॉक्टर हर्षवर्धन की निंदा भी की थी।