दिल्ली कैंट कांड: आरोपियों पर F.I.R में जोड़ी जायेगी दुष्कर्म की धारा!

दिल्ली कैंट के ओल्ड नांगली गांव में नौ साल की बच्ची की हत्या और दुष्कर्म मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच, सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376डी समेत दो धाराएं जोड़ेगी।

आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले मीडिया विजिल ने ख़बर छापी थी कि कैंट श्मशान घाट में नाबालिग दलित लड़के के साथ पुजारी राधेश्याम ने अअपने दोस्त कुलदीप के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। अब पुलिस ने अधिकृत रूप से इसे स्वीकार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक फोरेंसिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण (psychological test) में पुजारी राधेश्याम और कुलदीप ने बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने की बात स्वीकार की है। क्राइम ब्रांच को यह रिपोर्ट मिल चुकी है।

अब तक मामले में यह खुलासे हुए…

इससे पहले बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ था कि अंतिम संस्कार से कई घंटे पहले ही बच्ची की मौत हो गई थी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से बॉडी का बड़ा हिस्सा जल जाने की वजह से मौत का कारण का पता नहीं चल सका था। इसी वजह से रिर्पोट में दुष्कर्म की पुष्टि भी नही हो सकी थी जिसके बाद जांच फॉरेंसिक टीम के सहारे ही आगे बढ़ने की उम्मीद थी। इसी लिए जल्द जांच के लिए मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था।

वहीं बाद में दिल्ली पुलिस के अफसरों के सामने पूछताछ में आरोपितों ने इस बात की पुष्टि की थी कि बच्ची के साथ श्मशान घाट के 55 वर्षीय पुजारी राधेश्याम और कर्मचारी कुलदीप सिंह ने दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी। पूछताछ में आरोपियों ने इस बात का खुलासा भी किया था की बच्ची का गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी। हिरासत में लिए गए अन्य दो आराेपित सलीम अहमद व लक्ष्मी नारायण ने बच्ची के शव का अंतिम संस्कार करने में उनकी मदद की थी।

पुलिस के पास जांच को आगे बढ़ाने के लिए सिर्फ फोरेंसिक जांच का ही सहारा था। फोरेंसिक टीम ने पुजारी राधेश्याम के कमरे की गहनता से जांच की है उसके बिस्तर पर बिछी चादर, तकिए और उसके पहने हुए कपड़ों और अन्य आरोपियों के कपड़ों को भी सीज कर लिया था और अब फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण की रिपोर्ट में भी गैंग रेप की बात सामने आई है। इसके बाद इस केस में आरोपियों पर दो धाराएं और जोड़ेगी।

 

यह धाराएं भी जोड़ेंगे..

अपराध शाखा एफआईआर में अब सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376डी जोड़ेगी। इसके अलावा पुलिस आईटी की धारा भी जोड़ेगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी अपने मोबाइल में बच्ची को अश्लील फिल्में दिखाता था। बता दे क्राइम ब्रांच की फोरेंसिक टीम ने चिता के पास से यही फोन बरामद किया था जिसे आरोपी ने पकड़े जाने के डर से चिता में फेक कर जलाने की कोशिश की थी, लेकिन दूर से फेंकने की वजह से फोन के पार्ट्स दूर जाकर गिर गए थे जोकि क्राइम ब्रांच की टीम को मिल गया थे।

दिल्ली पुलिस ने शुरू कर दी है चार्जशीट बनाना..

अब दिल्ली पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट तैयार करना भी शुरू कर दिया है। पुलिस अधिकारियों ने दावा किया है कि इस मामले में जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। क्योंकि पोक्सो के केस में चार्जशीट दो महीने में ही कोर्ट में दाखिल करनी होती है, वहीं हत्या समेत अन्य धाराओं में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 1 महीने का समय ज्यादा होता है यानी तीन महीने में चार्जशीट दाखिल होती है।

पुलिस को अभी नही मिली है रिपोर्ट..

हालांकि पुलिस अधिकारियों के कहे अनुसार, अभी उन्हें किसी तरह की रिपोर्ट नहीं मिली है और अगर रिपोर्ट समय से नहीं मिलती है तो बिना रिपोर्ट के ही चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ और भी बहुत से साक्ष्य (evidence) हैं।

 

अब इन धाराओं में एफआईआर..

आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता IPC की धारा 302(हत्या,), 376 (दुष्कर्म) और 506 (जान से मारने की धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम (SC/ST Act) में एफआईआर दर्ज हो रखी है। अपराध शाखा एफआईआर (FIR) में अब सामूहिक दुष्कर्म की धारा 376 डी जोड़ेगी।

 

 

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