कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ यूपी में माले का राज्यव्यापी प्रदर्शन

 मोदी-योगी दमन का रास्ता छोड़कर सुनें किसानों की आवाज!

लखनऊ, 14 दिसंबर। भाकपा (माले) ने मोदी सरकार के तीन ‘काले’ कृषि कानूनों की मुकम्मल वापसी के लिए जारी किसान आंदोलन के समर्थन में सोमवार को पुलिस की धरपकड़ के बीच पूरे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन से पहले और उसके दौरान पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता नजरबंद व गिरफ्तार किये गए। राज्य सचिव सुधाकर यादव को सोनभद्र के हर्रैया गांव में राबर्ट्सगंज कोतवाली पुलिस ने सुबह ही गिरफ्तार कर लिया। उनके साथ जिला सचिव शंकर कोल और ऐपवा जिला उपाध्यक्ष हीरावती भी गिरफ्तार हुईं। गिरफ्तारी के समय दर्जनों की संख्या में आसपास से कार्यकर्ता जुट गए और उन्होंने जबरदस्त प्रतिवाद किया।
इस मौके पर कायकर्ताओं को संबोधित करते हुए माले राज्य सचिव ने कहा कि मोदी सरकार के तीनों कृषि कानून देश में फिर से कंपनी राज (अडानीयों-अम्बानियों का) लाएंगे। ये कानून भारतीय किसान का डेथ वारंट हैं। इससे न केवल वह और गरीब होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी खतरे में पड़ेगी। किसान अपने ही खेत में बड़ी पूंजी का गुलाम बन जाएगा। इसलिए इन काले कानूनों की वापसी तक देशव्यापी संघर्ष जारी रहेगा।
गिरफ्तारी के समय कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच धक्कामुक्की हुई। नेताओं ने कहा कि बिना हथकड़ी के नहीं जाएंगे। कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें भी गिरफ्तार करो। इसपर इंस्पेक्टर ने अभद्रता की। बहरहाल, गाड़ी छोटी होने के चलते पुलिस तीन व्यक्तियों को ही ले गई। उन्हें राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के सुकृत पुलिस चौकी में रखा गया, जहां से बाद में कोतवाली ले जाया गया।
पार्टी द्वारा सोनभद्र के पुलिस अधीक्षक से दूरभाष पर घरों से की गई इन गिरफ्तारियों को लोकतंत्र का हनन बताते हुए प्रतिवाद दर्ज कराया गया। महिला पुलिस की अनुपस्थिति में ऐपवा नेता को गिरफ्तार कर पुरुषों के साथ पुलिस की छोटी गाड़ी में ठूंसने पर पार्टी ने गहरी आपत्ति प्रकट की। बहरहाल, जिले में जगह-जगह पुलिस की नाकेबंदी के बावजूद दर्जनों माले कार्यकर्ता राबर्ट्सगंज कचहरी पहुंच गए और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के माध्यम से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया।
उधर, सीतापुर में माले जिला सचिव अर्जुन लाल को तड़के पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया और थाने ले गयी। थाने पर धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी देने पर उन्हें बाद में रिहा किया, पर घर लाकर पुलिस ने नजरबंद कर दिया।
बनारस में माले जिला सचिव अमरनाथ राजभर को सिंधौरा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
चंदौली में बीती आधी रात जिला सचिव अनिल पासवान के घर पुलिस पहुंची, लेकिन वे घर पर नहीं मिले। खेत व ग्रामीण मजदूर सभा (खेग्रामस) के जिला उपाध्यक्ष विजयी राम को चकिया कोतवाली पुलिस ने उनके घर से हिरासत में ले लिया। इसके बावजूद चंदौली जिला मुख्यालय पर जिला सचिव की अगुवाई में माले का प्रदर्शन हुआ, जिसमें लगभग ढाई सौ कार्यकर्ता जुटे।
लखीमपुर खीरी में अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला संयोजक रंजीत सिंह को आज सुबह पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर लिया। जिला मुख्यालय पर पार्टी केंद्रीय समिति सदस्य व ऐपवा की प्रदेश अध्यक्ष कृष्णा अधिकारी के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ और उन समेत सैकड़ों कार्यकर्ता गिरफ्तार हुए।
बलिया में, अखिल भारतीय खेत व ग्रामीण मजदूर सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीराम चौधरी, माले जिला सचिव लालसाहब, किसान महासभा के वसंत सिंह, नियाज अहमद, भागवत बिंद सहित करीब 100 प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जब वे बलिया जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के लिए जा रहे थे। उन्हें सिकंदरपुर थाने ले जाया गया, जहां कार्यकर्ताओं ने भूख हड़ताल शुरू कर दी। माले जिला कमेटी सदस्य लक्ष्मण यादव को बलिया शहर स्थित उनके घर पर पुलिस ने नजरबंद कर दिया।
गाजीपुर में भाकपा (माले), वाम दलों व किसान संगठनों के कार्यकर्ता पुलिस की घेरेबंदी के बावजूद एक-एक कर जिला कचहरी पहुंचने में कामयाब हो गए और प्रदर्शन करते हुए गिरफ्तार किए गए। सभी को पुलिस लाइन ले जाया गया। गिरफ्तार होने वालों में किसान महासभा के प्रदेश सचिव ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, माले जिला सचिव रामप्यारे, योगेंद्र भारती आदि शामिल हैं।
प्रयागराज (इलाहाबाद) में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन करते हुए माले के जिला प्रभारी डा. कमल उसरी, इंकलाबी नौजवान सभा (आरवाईए) के प्रदेश सचिव सुनील मौर्य, प्रदीप कुमार, सुमित गौतम, आइसा की प्रदेश सह-सचिव शिवानी, विवेक कुमार, शशांक, अनिरुद्ध समेत अन्य वाम दलों के कार्यकर्ता भी गिरफ्तार हुए।
मथुरा में जिलाधिकारी कार्यालय के सामने माले व अखिल भारतीय किसान महासभा ने प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। आजमगढ़ में जिला मुख्यालय पर जुलूस निकाल कर माले, वाम दलों व किसान संगठनों ने संयुक्त प्रदर्शन किया।
पीलीभीत में माले और अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) ने मुख्यालय पर संयुक्त प्रदर्शन किया। मिर्जापुर में माले कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के निकट सड़क जाम कर धरना दिया। वहां पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन देने के बाद धरना समाप्त हुआ। प्रदर्शन का नेतृत्व माले नेता शशिकांत कुशवाहा, जीरा भारती, किसान नेता भक्तप्रकाश श्रीवास्तव, ओमप्रकाश पटेल व आशाराम भारती ने किया।

इसके अलावा, देवरिया, मऊ, कानपुर, रायबरेली, जालौन, मुरादाबाद आदि जिलों में भी किसान संगठनों के देशव्यापी आह्वान के समर्थन में माले व वाम दलों ने प्रदर्शन किया। राजधानी लखनऊ में बीकेटी के गांवों में माले कार्यकर्ताओं ने किसानों के बीच जागरूकता
अभियान चलाया और किसान आंदोलन के पक्ष में खड़ा होने की अपील करते हुए पर्चे बांटे।

इस बीच, भाकपा (माले) की राज्य इकाई ने उपरोक्त गिरफ्तारियों-नजरबंदियों-छापों की कड़ी निंदा की है और सभी की बिना शर्त रिहाई की मांग की है। पार्टी ने कहा कि योगी सरकार यदि यह सोचती है कि दमन से आंदोलन रुक जाएगा, तो वह गलतफहमी में है। किसान आंदोलन लगातार तेज हो रहा है। लिहाजा सरकार को जन प्रतिवादों का गला दबाने की कार्रवाई छोड़कर उनकी आवाज सुननी चाहिए।

राज्य कार्यालय सचिव द्वारा जारी विज्ञप्ति

 

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