कोरोना वायरस जैसे महामारी के बीच नफ़रत और विदेशी लोगों से भय की सुनामी भी आ गयी है। हम सब को मिलकर इसे समाप्त करना होगा। संयुक्त राष्ट्र महासचिव अंटोनियो गुटेरेश ने ये बात कहते हुए दुनिया में आपसी द्वेष बढ़ने को लेकर आगाह किया है। उन्होंने एक वीडियो में ये बातें कही हैं। महासचिव की बाताें के प्रमुख अंश-
कोविड 19 बीमारी किसी के स्थान, धर्म, हैसियत में कोई अंतर नहीं करती। हमें इससे लड़ने के लिए एकजुट होना होगा।
प्रवासी लोगों को और जिन लोगों ने किसी देश में शरण ली है,उन्हें वायरस फ़ैलाने का ज़िम्मेदार बना दिया गया है। और फ़िर उन्हें इलाज भी नहीं उपलब्ध कराया जाता है।
यहूदियों के विरुद्ध साजिशें हो रही हैं। मुस्लिमों के विरुद्ध कोविड 19 से संबंधित हमले हुए हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक नफ़रत बढ़ गयी है।
उन्होंने कहा कि बुजुर्गों के ऊपर मीम्स बन रहे हैं,वो सबसे कमजोर हैं, उन्हें ही बलि देने के लिए भी समझा जा रहा है।
पत्रकार, व्हिसलब्लोअर, स्वास्थ्यकर्मी, राहत कर्मी और मानवाधिकारों से जुड़े लोगों पर अपना काम करने की वजह से हमले किये जा रहे हैं।
इस नफ़रत के वायरस से लड़ने के लिए अपने समाज को मजबूत करने का दृढ निश्चय करना चाहिए। मैं वैश्विक स्तर पर आप सबसे हेट स्पीच को समाप्त करने के लिए प्रयास करने का आग्रह करता हूं ।
महासचिव ने कहा कि मैं सभी नेताओं से भी आग्रह करता हूं कि वो सब के साथ एकजुटता दिखाएं।
मैं शैक्षणिक संस्थानों से डिजिटल साक्षरता की तरफ़ ध्यान देने की अपील करता हूं । आज अरबों युवा लोग इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं, और चरमपंथी/अतिवादी लोग ऐसे जल्द निराश हो जाने वाले युवा लोगों की तलाश में रहते हैं।
मीडिया और खासतौर पर सोशल मीडिया कंपनियों से अनुरोध करता हूं कि वो महिला-विरोधी, नस्लीय, जातिवादी और मानवता को नुकसान पहुंचाने वाली सामग्री को अपने प्लेटफ़ॉर्म से हटाएं और उसके बारे में सूचित भी करें।
मैं हर किसी से हर जगह नफ़रत के विरुद्ध खड़े होने का आग्रह करता हूं। एक-दूसरे के साथ शिष्टता पूर्ण व्यवहार करें और हर मौके पर प्रेम फैलाइए।
हेट स्पीच के विरुद्ध पिछले वर्ष मैंने संयुक्त राष्ट्र की रणनीति और कार्यवाही की योजना बनायी है। जिससे इस समस्या से निजात पाया जा सके।
इस महामारी से लड़ने के दौरान हमारी ये भी ड्यूटी है कि हम लोगों की सुरक्षा करें और हिंसा रोकें।
आइये हम कोरोना वायरस और हेट स्पीच को एक साथ हराएं।
#COVID19 does not care who we are, where we live, or what we believe.
Yet the pandemic continues to unleash a tsunami of hate and xenophobia, scapegoating and scare-mongering.
That’s why I’m appealing for an all-out effort to end hate speech globally. pic.twitter.com/ojh957xhQq
— António Guterres (@antonioguterres) May 8, 2020