Covaxin को WHO ने इमरजेंसी यूज़ की दी मंज़ूरी, जानिए कैसे काम करती है वैक्सीन, क्या हैं फायदे?

भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन कोवैक्सिन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी मिल गई है। WHO से इजाज़त मिलने के बाद कोवैक्सिन भारत की पहली वैक्सीन बन गई है, जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में किया जा सकता है। बता दें कोवैक्सिन समेत दुनिया में अब तक आठ वैक्सीन को WHO से मान्यता मिल चुकी है।

WHO के इस फैसले से स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सिन को पूरी दुनिया में पहचान मिल गई है। अब तक कोवैक्सिन को मान्यता न मिलने के कारण जिन लोगो ने यह वैक्सीन लगवाई थी उन्हें विदेशों में सफर करने की अनुमति नहीं थी। जिससे काफी विवाद हो रहे थे लेकिन अब कोवैक्सिन लगवा चुके भारतीयों को दुनिया के किसी भी हिस्से की यात्रा करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस ने कहा- बेहतर ढंग से कोरोना से लड़ पाएंगे..

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम ने भी कोवैक्सिन को मान्यता दिए जाने के मौके पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा- “एक और कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए WHO द्वारा अनुमोदित किए जाने पर खुशी हुई। हमारे पास जितने अधिक टीके होंगे, हम उतना ही बेहतर ढंग से कोरोना से लड़ पाएंगे।

कैसे काम करती है कोवैक्सिन?

कोवैक्सिन के ज़रिए मृत कोरोना वायरस को शरीर में डाला जाता है, जिससे शरीर इस वायरस को पहचान लेता है और इसके खिलाफ एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू कर देता है। इस तरह यह वैक्सीन कोरोना से सुरक्षा देती है। यह दो खुराक वाला टीका है और दो खुराक के बीच चार से छह सप्ताह का अंतर होता है। बता दें कि कोवैक्सिन निर्माता कंपनी ने जून में ही कहा था कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है।

कितना असरदार है कोवाक्सिन टीका?

WHO से मान्यता मिलने के बाद फायदे…

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