डेल्टा वैरिएंट के म्यूटेटेड वर्जन से ब्रिटेन में फिर बढ़ा कोरोना, भारत के लिए चिंता का विषय!

भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण अब कम होता नज़र आ रहा है, लेकिन इसी बीच अब एक ऐसी खबर सामने आई है जो डराने वाली और फिर से सोचने पर मजबूर करती है। ब्रिटेन में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का म्यूटेटेड वर्जन डर पैदा कर रहा है। 11 अक्टूबर के बाद से ब्रिटेन में हर दिन 40 हज़ार से ज़्यादा कोरोना संक्रमित सामने आ रहे हैं। सोमवार को तो यहां 48 हज़ार से अधिक मामले दर्ज किए गए।

ब्रिटेन के हालात डराने वाले और भारत के लिए चिंता के समान हैं। ऐसे में एक बार फिर ब्रिटेन में बेकाबू कोरोना संक्रमण भारत के लिए खतरे का विषय हो सकता है। क्योंकि भारत-ब्रिटेन के बीच कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन का विवाद शांत होने के बाद ब्रिटेन से भारत और भारत से ब्रिटेन की यात्रा करने वालों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा होना लाज़मी है।

क्यों है भारत को खतरा..

ब्रिटेन की आधी से अधिक आबादी को पूर्ण या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है। यहां लोगो ने बूस्टर डोज़ लगवाना भी शुरू कर दिया गया है। इसके बावजूद यहां कोरोना का म्यूटेटेड वर्जन तेज़ी से फैल रहा है। ब्रिटेन में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कोरोना वायरस का नया वैरिएंट वैक्सीन से बनी इम्युनिटी को भी चकमा दे रहा है। आपको बता दें कि भारत में भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का सबसे ज़्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा यहां कोविशील्ड नाम से वैक्सीन का उत्पादन किया जा रहा है। ऐसे में ब्रिटेन में बढ़ता संक्रमण भारत के लिए डरावनी खबर साबित हो सकती है।

ब्रिटेन से नए वैरिएंट के भारत में आने का खतरा क्यों बढ़ा..

ब्रिटेन ने अपनी हवाई सीमाओं को भी पूरी तरह से खोल दिया है। हालांकि बीते दिनों भारत और ब्रिटेन के बीच कोरोना संक्रमण की गाइडलाइंस को लेकर विवाद चला था पर अब वह शांत हो गया है। ऐसे में ब्रिटेन से भारत और भारत से ब्रिटेन जाने वाले लोगों की संख्या में तेज़ी से इज़ाफा होना तय है।

बीते दिनों ही ब्रिटेन की ओर से एक बयान जारी किया गया था कि भारत से बड़ी संख्या में नागरिक शिक्षा या व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए यात्रा करते हैं। बता दें कि पिछले साल के मुकाबले इस साल 30% यात्रियों की संख्या बढ़ गई है। ऐसे में ब्रिटेन से नए वैरिएंट के भारत आने का खतरा और बढ़ गया है।

ब्रिटेन में मिले इस डेल्टा वैरिएंट के म्यूटेटेड वर्जन पर जानकारों का कहना है कि यह वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से 10 गुना ज़्यादा संक्रामक हो सकता है। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि यह वैरिएंट डेल्टा से ज़्यादा खतरनाक है और इसे सामान्य परीक्षणों से पहचाना नहीं जा सकता है।

 

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