तरुण व्यास / इंदौर
भय्यू महाराज की मौत को लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस ने सवाल खड़ा करते हुए सीबीआई जांच की मांग कर डाली है. आध्यात्मिक संत और शिवराज सरकार में राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त भय्यू महाराज ने मंगलवार को अपने इंदौर स्थित निवास पर खुद को गोली मार ली थी. इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भय्यू महाराज ने अंतिम सांस ली. भय्यू महाराज की मौत के साथ कई सवाल खड़े हो गए हैं. मध्यप्रदेश के साथ ही महाराष्ट्र में गहरी राजनीतिक पैठ रखने वाले भय्यू महाराज की मौत से सभी लोग हैरान हैं. हैरानी इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि जिंदगी जीने का फलसफा सिखाने वाले भय्यू महाराज ने खुद ही अपनी जिंदगी की डोर काट ली.
मरने से पहले लिखे सुसाइड नोट में भय्यू महाराज ने अपनी मौत के लिए पारिवारिक कलह की ओर इशारा किया है. बांबे हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बड़ी संख्या में भय्यू महाराज के समर्थक और मीडियाकर्मी जमा हो गए थे. सभी की जुबान पर एक ही सवाल था कि आखिर भय्यू महाराज ने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया. मीडिया की नुमाइंदगी करने वाले पत्रकारों के बीच भी पूरे समय ये सवाल ही चर्चा का विषय बना रहा. कवरेज के दौरान कोई साथी भय्यू महाराज से हुई अंतिम मुलाकात के दौरान उनकी गर्मजोशी को याद कर रहा था तो किसी ने भय्यू महाराज के राजनीतिक रसूख पर चर्चा करने में दिलचस्पी दिखाई.
पिछले कुछ वक्त से भय्यू महाराज की जिंदगी में जारी उठापटक उनके जेहन पर इस कदर हावी थी, इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उन्होंने सामाजिक जीवन से सन्यास लेने की घोषणा तक कर दी थी. सार्वजनिक जीवन में जितने मिलनसार नजर आने वाले भय्यू महाराज का निजी जीवन उतना ही गोपनीय और उलझनों से भरा रहा है. अपनी पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी करने के दौरान भी भय्यू महाराज मीडिया की सुर्खियां आये थे.
कम उम्र में ही समर्थकों की फौज खड़ी करने वाले भय्यू महाराज का विनम्र स्वभाव ही उनकी पहचान थी. संघ में गहरी पैठ रखने वाले भय्यू महाराज का जन्म मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में हुआ था. महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा प्राप्त था, वहीं मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया था, हालांकि भय्यू महाराज ने राज्यमंत्री का दर्जा लेने से मना कर दिया था. भय्यू महाराज सबसे ज्यादा चर्चा में अन्ना का अनशन तुड़वाने में अहम भूमिका निभाने के बाद आए थे. सद्भावना उपवास पर बैठे तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी उन्होंने उपवास तुड़वाया था, लेकिन मंगलवार को भय्यू महाराज द्वारा उठाए गए कदम ने सभी को ना सिर्फ हैरान कर दिया बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर दिया कि आखिर उनकी जिंदगी में ऐसा क्या घटा कि जिंदगी जीने का हौसला देने वाले ने खुद ही मौत को गले लगा लिया।
“आदमी के लिए विश्वास ही सब कुछ है… तुम अगर उस पर भी विश्वास को खो देते हो तो इससे बड़ा डाउनफॉल दूसरा नहीं हो सकता“- यह बात कहने वाले भय्यू महाराज का मंगलवार को खुद का विश्वास ही कुछ ऐसा डगमगा गया कि उन्होंने जिंदगी के बजाय मौत का रास्ता अख्यितार कर लिया।