राम मंदिर के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।
Ayodhya : Disputed Land To Hindus; Muslims To Get Alternate Space For Mosque : SC https://t.co/SizyRRbQyy
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
अदालत का पूरा जजमेंट यहां पढ़ा जा सकता है:
pdf_upload-366415इस ऐतिहासिक फैसले के बाद जो प्रतिक्रियाएं सोशल मीडिया पर आ रही हैं उन पर गौर करना जरूरी है। सबसे पहले देश के गृह मंत्री और सत्ताधारी दल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की प्रतिक्रिया गौरतलब है। अमित शाह ने फ़ैसले का स्वागत किया है। इस फैसले के बाद अमित शाह ने ट्वीट किया है- “श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।”
श्री राम जन्मभूमि कानूनी विवाद के लिए प्रयासरत; सभी संस्थाएं, पूरे देश का संत समाज और अनगिनत अज्ञात लोगों जिन्होंने इतने वर्षों तक इसके प्रयास किया मैं उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 9, 2019
श्रीराम जन्मभूमि पर सर्वसम्मति से आये सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का मैं स्वागत करता हूँ।
मैं सभी समुदायों और धर्म के लोगों से अपील करता हूँ कि हम इस निर्णय को सहजता से स्वीकारते हुए शांति और सौहार्द से परिपूर्ण ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के अपने संकल्प के प्रति कटिबद्ध रहें।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 9, 2019
दशकों से चले आ रहे श्री राम जन्मभूमि के इस कानूनी विवाद को आज इस निर्णय से अंतिम रूप मिला है। मैं भारत की न्याय प्रणाली व सभी न्यायमूर्तियों का अभिनन्दन करता हूँ।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 9, 2019
एक और ट्वीट में अमित शाह ने लिखा है- “मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।”
मुझे पूर्ण विश्वास है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया यह ऐतिहासिक निर्णय अपने आप में एक मील का पत्थर साबित होगा। यह निर्णय भारत की एकता, अखंडता और महान संस्कृति को और बल प्रदान करेगा।
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) November 9, 2019
सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ”सुप्रीम कोर्ट का यह फ़ैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है। यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में क़ानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।”
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है:
यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है।
हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया।
न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया।— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
”हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया। न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीक़े से समाधान कर दिया। देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फ़ैसला सुना दिया है।”
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर अपना फैसला सुना दिया है। इस फैसले को किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है। देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 9, 2019
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने प्रधानमंत्री मोदी की तरह ही प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हम योगदान करने वाले सभी सहयोगियों और बलिदानियों को याद करते हैं। भाईचारा बनाए रखने के लिए सरकारी और समाज स्तर पर हुए प्रयासों का भी हम स्वागत और अभिनंदन करते हैं। संयमपूर्वक न्याय का इंतज़ार करने वाली भारतीय जनता भी बधाई की पात्र है। इसे जय-पराजय के रूप में नहीं देखना चाहिए। सभी से अनुरोध है कि संयमित और सात्विक तरीके से अपने आनंद को व्यक्त करें। अतीत की सभी बातों को भुलाकर हम सभी श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण में अपने कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे।”
Mohan Bhagwat,RSS Chief: We welcome this decision of Supreme Court. This case was going on for decades and it has reached the right conclusion. This should not be seen as a win or loss.We also welcome everyone's efforts to maintain peace and harmony in society. #Ayodhyajudgement pic.twitter.com/DtNnliaKEA
— ANI (@ANI) November 9, 2019
संघ प्रमुख मोहन भागवत से पत्रकारों ने पूछा कि क्या संघ अब मथुरा-काशी पर सक्रिय होगा, जैसा संघ के आनुषंगिक संगठनों की ओर से पहले नारे लगाए जाते थे?
संघ प्रमुख ने ऐसी संभावनाओं से इनकार करते हुए कहा, “मैं संघ में राष्ट्रीय पदाधिकारी भी नहीं था जब संघ इस आंदोलन से जुड़ गया। संघ आंदोलन करने वाला संगठन नहीं है। वह एक अपवाद के तौर पर इससे जुड़ा। अब हम दोबारा मनुष्य निर्माण के काम में लगेंगे। ”
अदालत परिसर में वकीलों ने लगाए जय श्रीराम के नारे
#AyodhyaVerdict : Lawyers Chanting Jai Sri Ram In SC premises pic.twitter.com/NxzcP0tuQy
— Live Law (@LiveLawIndia) November 9, 2019
कांग्रेस पार्टी ने कहा है- सुप्रीम कोर्ट ने आस्था और विश्वास का सम्मान किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने आज आस्था और विश्वास का सम्मान किया है।
इस निर्णय का सम्मान करते हुए, श्रीमती सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में आज कांग्रेस वर्किंग समिति ने अपनी बैठक में श्री राम मंदिर निर्माण और अयोध्या के निर्णय को लेकर एक प्रस्ताव पारित किया: pic.twitter.com/G7JZbNLUGE
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 9, 2019
सुन्नी वक्फ़ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर असंतोष जाहिर किया है और पूरा फैसला पढ़ने के बाद पुनर्विचार याचिका दायर करने का मन बनाया है। मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि “हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन फैसले में कई विरोधाभास हैं, लिहाजा हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि “हम फैसले का मूल्यांकन करेंगे और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेंगे।”
The Sunni Waqf Board expressed its dissatisfaction with the SC verdict that cleared the way for the construction of a Ram Temple at the disputed site in #Ayodhya and said that it will seek a review of the judgment.#AyodyaVerdict https://t.co/ntj5vpP2Vo
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) November 9, 2019
प्रियंका गांधी ने कहा फ़ैसले का सम्मान, भाईचारा बनाएं रखें। उन्होंने ट्वीट कर कहा- “अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।”
अयोध्या मुद्दे पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने फैसला दिया है। सभी पक्षों, समुदायों और नागरिकों को इस फ़ैसले का सम्मान करते हुए हमारी सदियों से चली आ रही मेलजोल की संस्कृति को बनाए रखना चाहिए। हम सबको एक होकर आपसी सौहार्द और भाईचारे को मजबूत करना होगा।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) November 9, 2019
बाबा रामदेव ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा, “यह ऐतिहासिक निर्णय है… भव्य राममंदिर का निर्माण किया जाएगा… मस्जिद के लिए वैकल्पिक भूमि आवंटित किए जाने के फैसले का स्वागत है… मेरा मानना है कि हिन्दू भाइयों को मस्जिद के निर्माण में भी सहायता करनी चाहिए…”
Baba Ramdev: This is a historic verdict. A grand Ram temple will be built. Decision to allot alternate land to Muslim side is welcome, I believe Hindu brothers should help in the construction of the Masjid as well. #Ayodhyajudgement pic.twitter.com/wcijPEkQ2Q
— ANI (@ANI) November 9, 2019
अयोध्या भूमि विवाद का पूरा मामला क्या था? मुकदमे के कानूनी इतिहास को बिंदुवार समझने के लिए नीचे दिया दस्तावेज़ देखें।
Babri-Legal-History-Booklet
बाबरी मस्जिद -राम जन्मभूमि विवाद कैसे चला अब तक ?
Babri-Masjid-Suit-Timeline