सोशलिस्ट युवजन सभा (SYS) ने लॉकडाउन के चलते दिल्ली में फंसे छात्रों की समस्याओं को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा है. सोशलिस्ट युवजन सभा अपने पत्र में लिखा है कि देश की राजधानी दिल्ली में रहने वाले लाखों छात्र-छात्राएं कोरोना की इस आपदा में असहाय महसूस कर रहे हैं. उनके सामने रहने और खाने का संकट खड़ा हो गया है. जिस पर तत्काल मदद की जरूरत है.
सोशलिस्ट युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुमार, राष्ट्रीय सचिव प्रदीप साह और दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष विशाल जोशी ने अरविंद केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा है कि दिल्ली के अलग-अलग विश्वविद्यालों में पढ़ने वाले लाखों प्रवासी छात्र अचानक लॉकडाउन की घोषणा की वजह से अपने घर नहीं लौट पाए, साथ ही शैक्षणिक संस्थान बंद होने और पाठ्यक्रम की गतिविधि थमने की वजह से विश्वविद्यालय परिसर का ठिकाना भी उनके पास नहीं रहा.
SYS का कहना है कि, दिल्ली के जेएनयू, डीयू और जामिया, अंबेडकर विश्वविद्यालय, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय जैसे शिक्षण संस्थानों में शिक्षा हासिल करने वाले ज्यादातर छात्र-छात्राएं सामान्य, ग्रामीण और कस्बाई पृष्ठभूमि से आते हैं. ज्यादातर छात्र-छात्राएं अपने घर से हज़ारों किलोमीटर दूर शिक्षा हासिल करने के मकसद से दिल्ली आए हैं और शहर में अकेले रहते हैं, ज़ाहिर है मुसीबत की इस घड़ी में ऐसे छात्र-छात्राओं के सामने दिल्ली जैसे महानगर में रहने और खाने का भीषण संकट खड़ा हो गया है.
कोरोना के इस संकट काल में सोशलिस्ट युवजन सभा की आपसे अपील है कि दिल्ली सरकार तुरंत छात्र-छात्राओं की जरूरत को पूरा करे। संगठन का सुझाव है कि…
1- सबसे पहले उन छात्र-छात्राओं को उनके घर भेजने की व्यवस्था की जाए जो अपने-अपने घर जाना चाहते हैं। इस यात्रा में उनकी सुविधाओं और उनकी जरूरत का पूरा ख्याल रखा जाए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पूरी तरह पालन हो.
2- दिल्ली सरकार महाविद्यालयी और विश्वविद्यालय के छात्रों को ईद के मुबारक मौके पर उनके परिवार के पास भेजने की समुचित व्यवस्था करें.
3- दिल्ली सरकार को छात्र-छात्राओं की सेहत का भी ख्याल रखना चाहिए और उन्हें हर तरह की जांच और इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए.
4- दिल्ली सरकार यह सुनिश्चित करे कि यदि कोई विद्यार्थी ऑनलाइन परीक्षा/मूल्यांकन में उपस्थित होने में असफल हो तो उन छात्रों के अकादमिक हितों का पूरा ख्याल रखा जाए.
5- कोरोना का संकट और उससे जारी जंग लंबा खिंच सकती है, ऐसे में फिलहाल छात्र-छात्राओं की पढ़ाई की ऑनलाइन व्यवस्था करने की तरफ राज्य सरकार को ध्यान देना चाहिए. जिन छात्र-छात्राओं के पास स्मार्ट फोन, लैपटाप या इंटरनेट की व्यवस्था नहीं हैं उसकी पूरी व्यवस्था सरकार करे.
SYS ने कहा है कि कोरोना का संक्रमण देश में लगातार बढ़ रहा है. रोज हज़ारों मामले सामने आ रहे हैं. अनुमान के मुताबिक अभी स्थिति सामान्य होने में काफी वक्त लग सकता है. हालात सामान्य होने पर भी शैक्षणिक सत्र पूरी तरह से खुल पाएंगे इसके बारे में अभी ठीक-ठीक कहा नहीं जा सकता. ऐसे में सरकार की चिंता होनी चाहिए कि छात्र-छात्राओं को किसी ना किसी रूप में शैक्षणिक गतिविधि से जोड़ा जाए. उनकी बाधित हो रही पढ़ाई को ऑनलाइन पाठ्यक्रम के जरिए पूरा कराने पर सरकार ज़ोर दे और छात्र-छात्राओं की हर संभव मदद की जाए. जिनके पास स्मार्ट फोन या लैपटॉप नहीं है, ऐसे छात्रों की मदद सरकार करे.
SYS का कहना है कि, नौजवान देश का भविष्य हैं, और संकट की इस घड़ी में भारत को अपने ‘भविष्य’ की चिंता करनी चाहिए. नौजवानों को सुरक्षित रखकर और हर तरह से ट्रेंड कर ही हम कोरोना की लड़ाई जीत सकेंगे. छात्र-छात्राएं अगर सजग और सबल होंगे तो वे अपने अभिभावकों और अपने परिवेश को भी इस बड़ी लड़ाई के लिए तैयार कर पाएंगे.
विज्ञप्ति पर आधारित
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