नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में राज्य और पुलिसिया दमन के कारण गिरफ़्तारी, हिरासत में मौत, यातनाएं, फ़र्जी मुक़दमें, और धारा 144 के दुरुपयोग के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक साझा शिकायत दर्ज की गई है. वजाहत हबीबुल्लाह, सज्जाद हसन, मेजा दारूवाला और हेनरी टीफागने ने संयुक्त रूप से आयोग में याचिका देकर इन मामलों की जांच के लिए निवेदन किया है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शन के बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दिया था और किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. ऐसा कर राज्य सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत दिए गये अभिव्यक्ति की आज़ादी के मौलिक अधिकार का दमन किया है. याचिकाकर्ताओं ने इसी संदर्भ में आयोग का ध्यान आकर्षित करने हेतु शिकायत दर्ज किया है.
याचिका में राज्य की कानून व्यवस्था, पुलिस फायरिंग में मारे गये लोगों और फर्जी मामलों में हिरासत में लिए गये मामलों की आयोग से एक स्वतंत्र जांच की मांग की गई है.
NHRC – Jt Complaint – UP CAA – 24 Dec 2019