शुजात बुखारी की लाश पर उफनायी बीजेपी की सियासत, कश्‍मीर में गिरा दी साझा सरकार

राइजि़ंग कश्‍मीर के यशस्‍वी संपादक शुजात बुखारी की हत्‍या पर बीजेपी ने राजनीति कर दी है। एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में पार्टी ने प्रेस की आज़ादी और आतंकवाद का हवाला देते हुए पीडीपी से अपना समर्थन लेकर सरकार गिरा दी है।

जम्‍मू और कश्‍मीर में पीडीपी-बीजेपी की साझा सरकार नहीं रही। भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार दिन में दिल्‍ली में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर के पीडीपी से अपना समर्थन वापस ले लिया और राज्‍यपाल को समर्थन वापसी का पत्र भेजा, जिसके बाद मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया।

एक अप्रत्‍याशित घटनाक्रम में दोपहर में बीजेपी नेता राम माधव ने पार्टी के जम्‍मू और कश्‍मीर के नेताओं के साथ मिलकर प्रेस कॉन्‍फ्रेंस की और राज्‍य सरकार से अपनी हिस्‍सेदारी खत्‍म करने की बात कही। राम माधव ने पिछले दिनों हुई शुजात बुखारी की हत्‍या का हवाला देते हुए कहा कि घाटी में आतंकवाद बढ़ गया है और प्रेस की आज़ादी पर खतरा पैदा हो गया है। ऐसी परिस्थितियों में में बीजेपी के लिए अब सरकार में बने रहना मुश्किल हो चला है।

पीडीपी के प्रवक्‍ता रफी अहमद मीर ने इस घटनाक्रम को आश्‍चर्यजनक बताया है। उनका कहना है कि उन्‍हें इस बारे में कोई भनक नहीं थी कि बीजेपी ऐसा करने जा रही है।

खबरों के मुताबिक राज्‍यपाल एनएन वोहरा का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। बीजेपी ने राज्‍य में राष्‍ट्रपति शासन की मांग की है।

इस बीच अलगाववादी नेताओं ने शुजात बुखारी की हत्‍या के विरोध में बुधवार को घाटी में बंद बुलाया है।

वरिष्‍ठ पत्रकार शाहिद सिद्दीकी का मानना है कि बीजेपी ने अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करते हुए सरकार से समर्थन वापस लेने के लिए शुजात बुखारी की हत्‍या का इस्‍तेमाल किया है। ऐसा करने में हालांकि उसकी विश्‍वसनीयता चली गई है।

 



 

 

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