‘बिल्कीस दादी’ लोकतंत्र की आइकन, तो पीएम मोदी लोकतंत्र पर गहराता साया!- TIME मैगज़ीन

तू शाहीन है, बसेरा कर..पहाड़ों की चट्टानों पर

82 साल की शाहीनबाग़ की ‘दादी’ बिल्कीस को आप में से कौन भूला होगा? अगर आप भूल भी गए हों, तो TIME मैगज़ीन ने न केवल उनको याद रखा है, बल्कि उनको दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में भी इस साल जगह दे दी है। जी हां, हम शाहीनबाग़ की दादी की ही बात कर रहे हैं, जो देश भर में महिलाओं द्वारा सीएए-एनआरसी के ख़िलाफ़ किए जा रहे शांतिपूर्ण विरोध आंदोलन का चेहरा बन गई थी। शाहीनबाग़ की दादी जब बेलौस अंदाज़ में – अंगुलियों पर अपने पिता की, 10 पुश्तों के नाम गिना कर – देश के प्रधानमंत्री को ऐसा ही करने की चुनौती देती थी, तो लोग वो वीडियो बार-बाप रिवाइंड कर के देखते थे। हालांकि इसी टाइम मैगज़ीन की सूची में भारतीय प्रधानमंत्री को शामिल तो किया गया है पर उसके कारण, किसी भी तरह से गर्व करने लायक नहीं हैं।

बिल्कीस की ज़ुबान से उनके देसी लहजे में बोले गए, ‘संविधान’ शब्द ने संविधान को लोक में वो जगह दे दी, जो कि हमेशा से होनी चाहिए थी। इस साल की अपनी सालाना, दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली 100 लोगों की लिस्ट (THE 100 MOST INFLUENTIAL PEOPLE OF 2020) में बिल्कीस को जगह देते हुए, TIME मैग़ज़ीन ने अपनी टिप्पणी में लिखा है,

“बिल्कीस ने अधिनायकवाद की ओर फिसलते जा रहे देश में, अलोकप्रिय सच बोलने के कारण – जेलों में धकेले जा रहे एक्टिविस्टों और छात्र नेताओं को उम्मीद और ताक़त दी और देश भर की औरतों को शाहीनबाग़ जैसा ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की प्रेरणा दी।”

टाइम मैग़ज़ीन ने बिल्कीस को अपनी आईकन्स कैटेगरी में जगह दी है, जिसमें उनके साथ कोविड 19 से लड़ाई में अपने कमाल के काम के चलते दुनिया भर में मशहूर हो गई – वेटरन अमेरिकी नर्स एमी ओ सुलिवन और #BlackLivesMatter आंदोलन की संस्थापिकाएं एलिसिया गार्ज़ा, पैट्राइस कुलर्स और ओपल टोमेटी भी शामिल हैं। टाइम के लिए बिल्कीस पर फीचर लिखा है, भारतीय पत्रकार राणा अयूब ने।

चली है रस्म कि कोई न सर उठा के चले – टाइम मैगज़ीन में पीएम मोदी

और इसी सूची में दुनिया के नेताओं की सूची में 12वें स्थान पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी रखा गया है। इस लिस्ट में पहले पायदान पर, कोरोना से लड़ रहे अमेरिकी National Institute of Allergy and Infectious Diseases के निदेशक डॉ. एंथनी फॉसी भी हैं, जिन्होंने ट्रंप प्रशासन और राष्ट्रपति के सामने झुकने और मीठे बोल बोलने से साफ इनकार कर दिया, तो अमेरिका में उप राष्ट्रपति के पद के लिए, डेमोक्रेट उम्मीदवार कमला हैरिस भी हैं। लेकिन इसी सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन सारे कारणों से हैं – जिनके कारण उनको किसी ऐसी सूची में आने पर खुश नहीं होना चाहिए। टाइम मैगज़ीन ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत में लोकतंत्र को दिन ब दिन गहराते साए में आता बताया है। टाइम मैगज़ीन की सूची में नरेंद्र मोदी, दुनिया के नेताओं में हैं तो लेकिन जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, चीनी राष्ट्रपति शी ज़िनपिंग और अमेरिकी प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप समेत कई नेता उनसे ऊपर हैं। लेकिन नरेंद्र मोदी के लिए इस सूची में रखे जाने के पीछे टाइम मैगज़ीन की टिप्पणी बेहद चिंताजनक है।

नरेंद्र मोदी के बारे इस सूची में टिप्पणी करते हुए कहा गया है कि दुनिया के सबसे विविधतापूर्ण लोकतंत्र में दलाई लामा तक को जगह मिली। लेकिन नरेंद्र मोदी के उदय के बाद, भारतीय लोकतंत्र का बहुलतावाद अब हमले की ज़द में है। मुस्लिमों के ख़िलाफ़ लक्ष्यित हिंसा बढ़ी है। मैगज़ीन टिप्पणी करती है,

“भारत 7 दशक से दुनिय़ा का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। इसकी 1.3 अरब की आबादी में ईसाई, मुसलमान, सिख, बौद्ध, जैन और अन्य धार्मिक समूह हैं। सभी यहां रहे और अपने जीवन का अधिकतर समय भारत में बिताने वाले दलाई लामा ने इसे ‘सौहार्द और स्थिरता’ का उदाहरण कहा था।
नरेंद्र मोदी ने इस सब पर शंका पैदा कर दी है।

मैगज़ीन पीएम नरेंद्र मोदी, सत्ताधारी भाजपा और वर्तमान सरकार पर टिप्पणी करते हुए कहती है,

“सशक्तिकरण को लोकलुभावन वादे पर चुनाव जीतने के बाद, नरेंद्र मोदी की हिंदू-राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने न केवल भद्रता को खारिज कर दिया, बल्कि बहुलता को भी खारिज कर दिया; ख़ासतौर पर भारत के मुसलमानों को निशाना बनाया गया। वैश्विक महामारी का समय, असहमति को ठिकाने लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया। और इस तरह विश्व का सबसे चमकदार लोकतंत्र, और अंधेरे की ओर गिरने लगा।” 

भारतीय पीएम मोदी पर टाइम मैगज़ीन के लिए ये इंट्रो फीचर, ख़ुद TIME के एडिटर इन लार्ज कार्ल विक ने लिखा है।

 

सूची में अभिनेता आयुष्मान खुराना भी

फिलहाल मीडिया और दक्षिणपंथी संगठनों के निशाने पर आए हुए, बॉलीवुड के लिए भी इस सूची से अच्छी ख़बर है। कलाकारों की सूची में हिंदी फिल्मों के युवा अभिनेता आयुष्मान खुराना को भी टाइम के दुनिया के 100 सर्वाधिक प्रभावशाली लोगों में जगह मिली है। आयुष्मान का परिचय फीचर, ख़ुद दीपिका पादुकोण ने लिखा है और वे आयुष्मान के लिए लिखती हैं,

‘जहां ज़्यादातर पुरुष प्रधान किरदार, आमतौर पर स्टीरियोटाइप मर्दानगी के घेरे में फिसल जाते हैं – आयुष्मान ने सफलतापूर्वक और भरोसेमंद तौर पर ऐसे किरदारों में ख़ुद को ढाला है, जो इन स्टीरियोटाइप्स को चुनौती देते हैं।’

इस सूची के आने के बाद, जहां आयुष्मान और बिल्कीस दादी के समर्थन, प्रशंसक और साथी उनको बधाई देने में जुटे हैं। देश में लगातार बेरोज़गारी, आर्थिक मंदी और कृषि बिल के विरोध में आंदोलन से जूझ रही सरकार के समर्थकों की ओर से टाइम मैगज़ीन के दावों पर सवाल और बहिष्कार के हैशटैग्स का इंतज़ार है।

 


Media Vigil के लिए ये स्टोरी मयंक सक्सेना ने की है। वे संप्रति मीडिया विजिल के संपादक – Audio/Visual हैं। पूर्व टीवी पत्रकार हैं, वर्तमान में मुंबई में फिल्म लेखन करते हैं। मीडिया विजिल के वीडियो सेक्शन के संपादक मयंक के वीडियोज़ आप हमारे फेसबुक पेज पर देख सकते हैं।

 


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