इजरायल चुनाव: बहुमत किसी को नहीं, पर नेतन्याहू हार गये

इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की पार्टी को फिर बहुमत नहीं मिला है. इजरायल में पांच महीने के अंदर दूसरी बार हुए चुनाव में 94 फीसदी मतगणना के बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी को 31 सीटें मिली हैं. मुख्य प्रतिद्वंद्वी ब्लू ऐंड वाइट को लिकुड से एक सीट ज्यादा यानी 32 सीटें मिली हैं. इजरायल में 120 सदस्यीय संसद के लिए 17 सितंबर को चुनाव हुए थे.

वहीं दोनों प्रमुख गठबंधनों में से वामपंथी धड़े को 56 जबकि नेतन्याहू के नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी धड़े को 55 सीटें मिली हैं. इस तरह दोनों धड़ों को सरकार बनाने के लिए 61 सीटों का जरूरी बहुमत हासिल नहीं हुआ है. नेतन्याहू इजरायल के सबसे लंबे समय तक रहने वाले प्रधानमंत्री हैं. वह 10 वर्षो से इस पद पर काबिज हैं.

दिलचस्प यह है कि इजरायल बेइतेनु पार्टी को नौ सीटें मिली हैं. इसके नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एविगदोर लीबरमैन हैं और कहा कि वह किसी गठबंधन से नहीं जुड़ेंगे. 61 वर्षीय लाइबरमैन ने जोर देकर कहा कि वो किसी भी गठबंधन में शामिल नहीं होंगे.

बता दें कि लीबरमैन नेतन्याहू के सहयोगी रह चुके हैं. सरकार बनाने के लिए 61 सीटों की जरुरत है. इस तरह से सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है.

चुनाव से पहले प्रचार के दौरान तेल अवीव में नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे. लोग लोकतंत्र के पक्ष में और भ्रष्टाचार विरोध नारे लगाये थे.

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उल्लेखनीय है कि बहुमत वाली गठबंधन सरकार बनाने में नाकाम रहने पर नेतन्याहू ने मध्यावधि चुनाव की घोषणा की थी.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेतन्याहू ने व्यापक गठबंधन सरकार बनाने के विचार को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि ऐसी सरकार नहीं बनाई जा सकती जो उन आतंकियों की तारीफ करने वाली पार्टियों के भरोसे हो जिन्होंने हमारे जवानों नागरिकों और बच्चों की हत्या की हो.

उधर चुनाव परिणाम आने के बाद नेतन्याहू ने अपना संयुक्त राष्ट्र दौरा रद्द कर दिया है. इजराइल में बैलेट पेपर से चुनाव होते हैं, ईवीएम से नहीं.

 

 

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