एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) द्वारा 31 जुलाई को जारी रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी की कुल संपत्ति वित्त वर्ष 2016-17 के 1213.13 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2017-18 में 1483.35 करोड़ रुपये हो गई. यानी पिछले एक साल के दौरान 22 फीसदी का इजाफा हुआ है.
ADR has analysed the assets declared by the 7 National Parties (BJP, INC, NCP, BSP, CPI, CPM and AITC) between FY 2016-17 and 2017-18.
Full Report: https://t.co/Z0JdwAM0Zq pic.twitter.com/MHo7gpy2BM— ADR India & MyNeta (@adrspeaks) August 1, 2019
कांग्रेस की कुल संपत्ति 2016-17 में 854.75 करोड़ रुपये से 15.26 फीसदी घटकर 2017-18 में 724.35 करोड़ रुपये रह गई. इस दौरान एनसीपी की संपत्ति 16.39 फीसदी घटकर 9.54 करोड़ रुपये पर आ गई.
इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2016-17 से 2017-18 के बीच सात राष्ट्रीय दलों (भाजपा, कांग्रेस, एनसीपी, बसपा, भाकपा, माकपा और टीएमसी) द्वारा घोषित संपत्तियों, देनदारियों और पूंजी का विश्लेषण किया गया है.
वित्त वर्ष 2017-18 में सबसे अधिक देनदारी कांग्रेस ने घोषित की है, जो 324.20 करोड़ रुपये है. इसके बाद भाजपा ने 21.38 करोड़ रुपये और टीएमसी ने 10.65 करोड़ रुपये की देनदारी अपनी वार्षिक ऑडिट रिपोर्ट में दिखाई है.
वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 के दौरान चार राष्ट्रीय दलों ने अपनी देनदारियों में कमी के बारे में बताया है. इसमें कांग्रेस ने 137.53 करोड़ रुपये, माकपा ने 3.02 करोड़ रुपये, एनसीपी ने 1.34 करोड़ रुपये और टीएमसी ने 55 लाख रुपये की कमी देनदारियों में घोषित की है.
वहीं, भाजपा, भाकपा और बसपा ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अपने देनदारियों की राशि में वृद्धि घोषित की है.
बीएसपी की कुल संपत्ति में भी इजाफा देखने को मिला. यह 2016-17 में 680.63 करोड़ रुपये से बढ़कर 2017-18 में 716.72 करोड़ रुपये हो गई. इस दौरान सीपीएम की संपत्ति भी बढ़ी है. यह 463.76 करोड़ रुपये से बढ़कर 482.1 करोड़ रुपये हो गई. इस दौरान सीपीआई की संपत्ति 10.88 करोड़ से बढ़कर 11.49 करोड़ रुपये हो गई.
टीएमसी की संपत्ति में 10.86 फीसदी का इजाफा हुआ है. 2016-17 में यह 26.25 करोड़ रुपये थी. 2017-18 में बढ़कर यह 29.10 करोड़ रुपये हो गई. राजनीतिक दलों के एसेट्स में फिक्स्ड एसेट्स, लोन और एडवान्स .
एडीआर द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टियों ने इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस का उलंघ्घन किया है. गाइडलाइन के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टियों को ये बताना जरूरी है कि उन्होंने किस वित्तीय संस्थान, बैंक या एजेंसी से कर्ज लिया है.
गाइडलाइंस ये भी कहती हैं कि चंदे के तौर पर मिली अचल संपत्ति, उसमें किया गया कोई विस्तार, निर्माण कार्य का खर्च या माफ किए गए अवमूल्यन की भी जानकारी दी जानी चाहिए. साथ ही सभी पार्टियों को अपनी अचल संपत्ति की खरीद की भी जानकारी देनी चाहिए. कई राष्ट्रीय पार्टियों ने इसकी जानकारी आयोग को नहीं दी है.