लखनऊ: 120B, 307 जैसी संगीन धाराओं में कुल 34 लोगों के खिलाफ़ केस दर्ज

नागरिकता संशाेधन कानून के खिलाफ़ 19 दिसंबर को हुए देशव्यापी आंदोलन के सिलसिले में बीते दो दिनों के दौरान यूपी से कुछ गिरफ्तारियों और मुकदमों की सूचना है। इनमें सबसे अहम नामों में 76 साल के बुजुर्ग एडवोकेट मोहम्मद शाेएब, पूर्व आइजी दारापुरी, कांग्रेस की नेता सदफ़ ज़ाफ़र, पवन आंबेडकर और तीन दर्जन के करीब वे लोग हैं जिन पर आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमे लगाए गए हैं। 

मोहम्मद शोएब और दारापुरी को 19 दिसंबर से ही नज़रबंद रखा गया था। इसके बाद दोनों को शुक्रवार को अलग−अलग समय पर लखनऊ पुलिस उनके घरों से उठाकर ले गयी। अभी तक यह साफ़ नहीं है कि मो. शाेएब और दारापुरी को कहां रखा गया है, हालांकि सूत्रों के मुताबिक उन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। विवरण का इंतज़ार है।

लखनऊ पुलिस ने सदफ़ ज़ाफ़र, पवन आंबेडकर और अन्य के खिलाफ आइपीसी की निम्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया हैः

148, 149, 147, 152, 307, 323, 504, 506, 332, 353, 188, 435, 436, 120B, 427, सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 और 4, आपराधिक कानून संशाेधन अधिनियम की धारा 7

ये धाराएं कुल 34 लोगों पर नामजद की गयी हैं।

इनमें मो. शाेएब और दारापुरी का नाम शामिल नहीं है। उनकी एफआइआर अलग है।

इनके अलावा शुक्रवार देर रात 10 बजे राबिन वर्मा को भी लखनऊ से पुलिस ने उनके घर से उठा लिया। शुक्रवार शाम को राबिन वर्मा और दि हिंदू के पत्रकार ओमर राशिद को पुलिस ने भाजपा मुख्यालय के बाहर से उठाया था और प्रताडि़त करने के बाद छोड़ दिया था।

इस बारे में ओमर ने दि हिंदू में अपना पूरा बयान लिखा है। इस दौरान राबिन से मारपीट भी की गयी थी। राबिन के बारे में अभी पता नहीं चल सका है।

इसके अलावा शुक्रवार रात अरुंधति धुरू, मीरा संघमित्रा व अन्य को पुलिस ने दो घन्टे तक हजरतगंज थाने में बैठाने के बाद छोडा। ये लोग गायब व्यक्तियों की पूछताछ करने के लिए थाने गए थे।

 

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