सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी अरामको के फ़ैक्टरियों पर ड्रोन हमले से दुनिया की कुल तेल सप्लाई के पांच फ़ीसदी पर असर पड़ा है. अरामको के दो बड़े ठिकानों पर शनिवार सुबह हुए ड्रोन हमले के बाद कंपनी ने वहां उत्पादन ठप कर दिया है. हमले के बाद कच्चे तेलों के दामों में 71.95 डॉलर प्रति बैरेल हो गया है. इस हमले से बाजार में करीब 60 लाख बैरल तेल की आपूर्ति कम हुई है. यमन के हौदी लड़ाकों ने इन हमलों का ज़िम्मा लिया है. इन हमलों में 10 ड्रोन शामिल थे.
US Secretary of State Mike Pompeo condemns Iran following drone attacks on Saudi Arabia. 'Temporary' Saudi oil production halt after attacks, Energy Minister Prince Abdulaziz bin Salman says: AFP news agency
— ANI (@ANI) September 14, 2019
चीन,अमेरिका के बाद भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चे तेल का आयातक है. यह प्रतिदिन 49 लाख 30 हजार बैरल तेल आयात करता है. इराक के बाद सऊदी से भारत को सबसे अधिक मात्रा में कच्चा तेल मिलता है. ऐसे होने से भारतीय बाजार में भी पेट्रोल-डीजल के दाम में भारी उछाल आ सकता है.
President Donald Trump said he’s authorized releasing oil from the Strategic Petroleum Reserve following the attacks on Saudi Arabia on Saturday https://t.co/7xzJAIPm3L
— Bloomberg (@business) September 15, 2019
इस साल अगस्त में अरामको तब चर्चा में आई थी जब रिलायंस इंडस्ट्री के प्रमुख मुकेश अंबानी ने घोषणा की थी कि सऊदी अरब की यह कंपनी रिलायंस के तेल-गैस एवं रसायन कारोबार के 20 प्रतिशत शेयर खरीदेगी.
ऊर्जा विशेषज्ञों के अनुसार, ईरान और अमेरिका के बीच पहले से जारी तनाव के बीच अरामको पर हमले के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव और बढ़ जाने की आशंका है. रूस व ओपेक देशों द्वारा कच्चे तेल के उत्पादन में कटौती के बीच अरामको पर यह हमला कच्चे तेल के वैश्विक बाजार में तूफान ला सकता है.
The record oil-price surge couldn’t come at a worse time for a world economy already in the grip of a deepening downturn https://t.co/7N8epnPLuQ
— Bloomberg (@business) September 16, 2019
वहीं, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अरामको के तेल संयत्रों पर हमलों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि यमन से हमले का कोई सबूत नहीं है. ईरान ने अब वैश्विक कच्चा तेल आपूर्ति पर अप्रत्याशित हमला किया है.
Did Iran attack Saudi Arabia? Trump officials haven't proven it yet https://t.co/eKncNJc8y1
— Bloomberg (@business) September 16, 2019
ईरान और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने से संकट बढ़ेगा ईरान और अमेरिका के बीच पिछले साल मई से तनाव बढ़ा हुआ है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में हुए एक सौदे से अमेरिका को बाहर कर लिया था. इस सौदे के तहत ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नियंत्रित करने के बदले उस पर लगे प्रतिबंधों में कुछ ढील देने का वादा किया गया था. इस हमले के बाद खाड़ी में फिर से युद्ध की संभावनाएं तेज हो गई है.
(स्रोत: ब्लूमबर्ग)