चूंकि आरएसएस भारतीय संविधान और कानून को नहीं मानता, इसलिए उसने अपनी संस्था का कभी रजिस्ट्रेशन नही कराया. अरबों रुपए और कई शहरों में इसकी जायदाद है कि लेकिन ये अपने एकाउंट की ऑडिटिंग सरकार को नहीं सौंपता. सरकार के खाते में ये संस्था है ही नहीं.
आरएसएस के नाम से कोई रजिस्टर्ड संस्थान न होने के कारण नागपुर के जनार्दन मून साहेब ने जब इस नाम की संस्था ऑनलाइन रजिस्टर्ड कराई तो अप्लीकेशन एक्सेप्ट हो गया.
अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नाम की जो भी कानूनी संस्था है उसका संचालन जनार्दन मून करते हैं.
मुझे उन्होंने अपने कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया है. नागपुर यानी नागभूमि मेरे लिए हमेशा आदर की जगह है. इसलिए मैंने आने की स्वीकृति दे दी है.
मिलते हैं नागपुर के दोस्तों!
मेरा व्याख्यान का विषय होगा – “राष्ट्र की आंबेडकरवादी अवधारणा बनाम राष्ट्र का कांग्रेसी-संघी विचार”
जो लोग इस बारे में पढ़ना चाहते हैं उनके लिए ग्रंथों की सूचि.
1. बाबा साहेब का संविधान सभा का आखिरी भाषण
2. थॉट्स ऑन पाकिस्तान- डॉ. आंबेडकर
3. इंडियन आइडियोलॉजी- पैरी एंडरसन
4. ह्वाट इज ए नेशन- अर्न्स्ट रेनॉन
5. इमेजिन्ड कम्युनिटीज- बेनेडिक्ट एंडरसन
6. नेशनलिज्म विदाउट ए नेशन- जी. एलोसियस
7. आंबेडकर ऑन नेशनलिज्म- प्रो. प्रदीप अगलवे